डिअर डायरी : डे 9
डिअर डायरी : डे 9


आज भारतीय परंपरा के अनुसार रामनवमी का त्यौहार है। कन्या पूजन का त्यौहार। लेकिन इस बार कन्या -पूजन के लिए लोगों ने अपनी कन्याओं को नहीं भेजा होगा। हमने भी अष्टमी को कन्या का खाना उसके घर भिजवा दिया था। कुछ लोग जानवरों को खाना खिलाने के लिए सड़कों पर घूम रहे हैं क्यूंकि सड़कें सुनसान पड़ी हैं। आज घर पर रहकर राजमहल मूवी देखी। कभी कभी लगता है की ये एंटरटेनमेंट खो रहे हैं हम, ऑफिस के चक्कर में तो कभी और आगे कुछ बनने का ख्याल दिमाग में आता है। ऐसे में मैं एक चीज़ भूल रही हूँ, वो है टाइम मैनेजमेंट। टिकटोक पे एक वीडियो देखा, मैसेज सही था उसका कि हम भारतीय कितने भी बोर हो जाये लेकिन हम पढाई बिलकुल नहीं करेंगे। ठीक है था।
भारत में अव्यवस्थाएं बढ़ रही है। इंदौर में लोगों ने डॉक्टर्स पर ही पत्थर मारना शुरू कर दिया। दिल्ली में मुस्लिम अपना बचाव करने की कोशिश में हैं, मसले बढ़ रहे हैं। सरकार का एक सख्त कदम लोगों में उनके लिए ही आक्रोश का कारण बन रहा है। कोरोना 2000 लोगों को संक्रमित कर चुका है, आंकड़े थम नहीं रहे हैं। फिर भी कुछ लोग अपना व्यवसाय करने में जुटे हैं। देश धर्मवाद की ओर जा रहा है। पहले शाहीन बाग़ का दर्द और अब इस महामारी की पीड़ा ; समझ नहीं आ रहा कि आगे क्या देखने को मिलेगा। कल सुबह मोदी 9 बजे देश के नाम सन्देश देंगे। मुमकिन है कि इसमें उन जगहों पर आर्मी को कॉल किया जायेगा, जहाँ लोग समझने को तैयार नहीं हैं।
हम एक है,अगर आप इस विश्वास के साथ नहीं रहेंगे तो हम कोरोना को कभी नहीं हरा पाएंगे।
22 मार्च के लॉक डाउन के बाद आज 12 दिन हो चुके हैं। कोरोना के मरीज़ों की संख्या फ़िलहाल तो बढ़ ही रही है। ऐसे में समझ साथ छोड़ देती है और मन देव- भक्ति की ओर अग्रसर होने को होता है।
संशित मन है भगवन, कृपा करो, हे ईश्वर।