ढाल
ढाल
आज, गोमती नगर मामी के यहाँ गयी तो उनके पड़ोस में रहने वाली अपनी भतीजी निमिशा के घर जाने से अपने आप को रोक न सकी ।
दरवाजा निमिशा ने ही खोला, मैं अति उत्साह से उसके गले लगी पर, निमिशा का व्यवहार ठंडा सा लगा ..
मुझे ड्राइंग रूम में बैठाकर, निमिशा, अभी आती हूँ, कहकर, अंदर चली गयी ...
निमिशा की शादी को ढाई साल हुए थे, मैं पहली बार ही उसके घर आयी हूँ ..
मैंने चारो ओर नज़र घुमायी, ड्राइंग रूप पारंपरिक रूप से व्यवस्थित था पर, सच कहूँ ... पूरे कमरे में निमिशा की छवि कहीं भी नहीं दिखायी दे रही थी, ..
हमारी निमिशा आज की स्मार्ट, अंग्रेजी फर्राटे से बोलने वाली आधुनिक लड़की है, मुझे याद है, शादी से पहले उसने मायके के ड्राइंग रूप को एकदम मार्डन लुक दिया था, हाँ, याद आया उसने बीटेक के साथ इंटीरियर डिजाइनिंग का कोर्स भी किया था ...
इतने में निमिशा आ गयी पानी और मिठाई लाई थी, बहुत धीरी, धीमी आवाज़ में बोली, बुआ, अचानक कैसे?
उसने कुछ इस तरह पूछा, .. मुझे लगा, यहाँ आकर गल्ती की .. ?
मैंने हालचाल पूछा तो हां हूं, में उत्तर दे रही थी ..
साधारण कुर्ता सलवार, उलझे बालों का जूड़ा .. चेहरे पर उदासी ... दो साल ही तो शादी के हुए थे .. चेहरे पर कोई कान्ति नहीं दीख रही थी, ..
अजीब लगा, कुछ पूछ न पायी ... घर को उदास ही लौटी ...
बाद में, भाभी से पता चला, निमिशा का ससुराल बहुओं पर बहुत सख्त है,
किसी बारे में उनसे कोई राय नहीं पूछी जाती, केवल आदेश दिया जाता है, जिसका पालन होना ही चाहिए,
अन्य दोनों बहुएं इस वातावरण की अभ्यस्त हो गयी थी,
निमिशा की परवरिश अलग थी,
उसका वहां दम घुटता है पर, बड़े रसूख वाले लोग है, सीधे शादी खत्म करने की बात करते हैं ..
निमिशा डर गयी, धीरे धीरे चुप हो गयी ..
उस घर में बहुएं तेज आवाज़ में बात नहीं कर सकती, जोर से हँस नहीं सकती, पति के साथ बाहर घूमना अश्लीलता माना जाता है ... और भी न जाने कितनी बातें ...
तो तुमने बेटी को क्या समझाया ? मैंने भाभी से पूछा, ..
मैं क्या समझाती ?
बेटी की शादी टूट जाएगी तो समाज में हम कौन सा मुँह दिखाएगें ?
हूँ .. तो, मुहल्ले की झांसी की रानी को तुमने तलवार उठाने से मना किया ही, ढाल भी छुड़वा दी ?
मतलब, ..
भाभी, बहुओं को शालीन व्यवहार करना चाहिए किंतु उनकी मानसिक शांति और स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण है, निमिशा सक्षम और समझदार है उसे अपनी सुरक्षा करने से न रोकें । धैर्य का पाठ पढ़ाए परंतु दब्बू बनने पर मजबूर न करें ।
उसे अपनी लड़ाई अपने तरीके से लड़ने दें, समय लगता है, परिवर्तन जीवन का नियम है, .. यह बात उसके ससुराल पक्ष को भी समझनी होगी, .. शादी तय करते समय आप ने कुछ छिपाया नहीं था यहाँ तक कि पहली बार सास मिलने आयी थी तो निमिशा ने जींस ही पहनी हुयी थी ...
उसे अपने अनुसार आबोहवा बदलने का हौसला दें नहीं तो हमारी नन्हीं कली जीवन भर मुर्झायी रहेगी .. पुष्पित .. पल्लवित न हो पाएगी ...
भाभी ने हाथ पकड़ लिया था, सही कहा आपने दी।