ये कहां आ गए हम !
ये कहां आ गए हम !
मुझे वो सब चाहिए जो आपने दीदी को उसकी शादी में दिया था ।
लव मैरिज है तो मुझे दहेज क्यों नहीं दोगी ? 'पैर पटकते हुए छोटी बेटी चली गयी थी ।
सब्जी वाले से प्यार किया था निशा जानती थी, उस घर की परिस्थिति में उसका जीना बहुत कठिन होगा।
कुछ तो वह अपनी कमाई से व्यवस्थित कर लेगी ..
मां - बाप .. लव मैरिज के नाम पर पल्ला नहीं झाड़ सकते ?
दीदी को दहेज दिया था न !
प्यार करना गलत नहीं तो वह अपने साथ अन्याय न होने देगी।
रोहणी, बेटी निशा की सोच पर हैरान थी, और बेबस थी ..उसने दहेज देकर बेटी निशा को अच्छे से विदा किया।
व्यावहारिक बेटी निशा की मां के मन में कुछ चटक गया था। '