मामा भए दारोगा
मामा भए दारोगा
कुछ सालों पहले की बात है... बेटा, खेलते समय अपनी घड़ी स्कूटर पर रखकर भूल गया ... लौट कर लेने गया तो.. गायब !
किस्मत की बात थी कोई आधे घंटे बाद भतीजा दुकान पर सामान लेने आए, दो लड़कों को पकड़ लाया जिनके पास वैसी ही घड़ी थी।
मैंने बेटे को घड़ी दिखायी तो उसने अपनी घड़ी पहचान ली.. उसकी घड़ी में एक जगह कट था। अब दोनों लड़के स्वीकार नहीं कर रहे थे कि उन्होंने वो घड़ी स्कूटर पर से उठायी है।
मैं भी संशय में थी ..वैसी ही घड़ी और कट का होना एक संयोग मात्र हो सकता था ..
मैं... सच सच बताओ.. नहीं तो तुम्हारे पापा को बुलाऊंगी..
बड़ा लड़का .. पापा बाहर गए हैं.. घर जाकर पूछ लो.. ये घड़ी मेरी ही है...
मुझे लगा कि कहीं परिवार वाले भी लड़ाका और चोर हुए तो .. क्योंकि पहनावे से कुछ बहुत सलीकेदार नहीं लग रहे थे।
मैं.. तो, ठीक है.. मैं पुलिस को ही बुला लेती
छोटा लड़का .. फुसफुसाते हुए .. भैया पुलिस ..बड़े ने तेज़ उसका हाथ दबा कर चुप रहने का संकेत किया।
अब मुझे लगने लगा कि पक्का ये दोनों झूठ बोल रहे हैं।
मैं .. सख्त आवाज़ में... देखो इसके (बेटे ) मामा दारोगा है.. फोन करूंगी तो आधे घंटे में आ जाएंगे ...तुम्हारे पापा बाहर गए है.. जेल में रहना पड़ेगा कल संडे भी है सोच लो ...
छोटे लड़के का चेहरा सफेद पड़ रहा था... बड़ा लड़का ... हड़बड़ाते हुए, मैंने कहा.. घड़ी मेरी है तो मेरी है जि .... जिसको भी बुला लो ..
मैंने भतीजे को कहा .. इनको भागने न दें.. मैं भाई को फोन करके आती हूँ।
अंदर कमरे में जाकर झूठ मूठ..
हैलो .. हाँ मुन्नू !... हाँ : आवाज़ नहीं आ रही .. ..अच्छा तेज आवाज़ में... सारी कहानी दोहरा ही ...अच्छा, दस मिनट में आ रहे हो ठीक है।
हां हां मैं लड़कों को रोके हूँ। बाहर आने पर ...छोटा लड़का ... आण्टी ये घड़ी रख लें.. हमें जाने दे।
मैं .. नहीं, मैं दूसरे की चीज नहीं लेती ? अब तो भैया आकर ही सच का पता लगाएंगे ...
बड़ा लड़का .. अरे कोई नहीं आएगा
मैं.. तो ठीक है, अभी दस मिनट में पता चल जाएगा..
दरवाजा भीतर से बंद करके मैं अंदर आ गयी ..
दोनों भाइयों की खुसर फुसर जारी थी .. पांच मिनट बाद।
आण्टी जी आण्टी जी...
मैं .. हाँ ..
बड़ा लड़का... आण्टी.. ये घड़ी आप रखे .. हमने
यही बाहर गाड़ी से उठायी थी मैं ... ठीक है.. भाई तो आ रहा है मैंने तो तुम्हे
पहले से समझाया था ...
बड़ा लड़का.. हमें जाने दो..
मैं .. अरे । मुझे डांट पड़ जाएगी...
दोनों मेरे पैर पड़ने लगे ...
मैं पीछे हट गयी... अब कभी किसी का सामान नहीं लोगे ?
दोनों कान पकड़कर .. नहीं ..
अच्छा, देखो तुम लोग दौड़ कर भाग जाओ तो मैं भाई को कह दूंगी ..
बच्चे भाग गए ..कहते हुए ,
मैंने दरवाजा खोल दिया
..... एक दो तीन ..
नौ .. दो .. ग्यारह . ..