काली चींटिया
काली चींटिया
स्नेह वंदन मित्रों ,
दिपावली की सफाई ध्यान में व्यस्त सभी खुश आत्माओं को मेरा प्रणाम ..
देखिए , जब आपके पास दम मारने की भी फुरसत न हो वही समय सबसे ज्यादा फुरसत ढूंढ लेनी चाहिए ।
हां , दिन के साढ़े तीन बजे है , अब खाली हो पाई हूं तो सोने के बजाए आप लोगों के साथ चौपाल लगाने आ बैठी हूं ।
बताएं ... किसके किसके घर सफाई का काम पूरा हो गया ,
कौन अभी प्लानिंग में व्यस्त हैं और कौन सो रहा है कि कौन सा काम ?
दिपावली वाले दिन ही कर ली जाएगी सफाई ,
ऐसे लोगो के लिए मैं झाड़ू लेकर आयी हूं ,
उठो लाली, उठो लाली , उठो '
करवा चौथ पर साड़ी तो बड़ी भारी ली और हार ,झुमके भी कम कीमती न लिए फिर लक्ष्मी जी को बुलाने के लिए मेहनत तो करनी ही पड़ेगी ...
क्या कहा ?
मेरी मर्जी ?
तो प्यारी .. ये जो सुख है वो जंजीरे हैं , पिंजरा है ...
तो झाडू तो उठाना ही पड़ेगा ..
पर , कुछ की पांचों ऊंगलियां घी में होती है ,
कल पड़ोसन सो रही थी ,
पति देव धमकाते हुए बोले ,
सोती हुयी रहोगी क्या ?
सफाई क्या तुम्हारे मायके वाले करेंगे ?
दोस्तों .. पत्नियां सोता हुआ शेर होती है ..
बस .. बात चुभ गयी ..
बोली .. मकान दहेज में नहीं लायी थी ..
अब तुम्हीं करो दीपावली की सफाई ..
बेचारा पति .. झाड़न हाथ में लेकर खुद को ही कोस रहा है ..
क्यों मुंह खोला ??
हां , तो जिनको आगे बढ़ना है उन्हें कम बोलना होता है , दिमाग को हल्का रखना पड़ता है , ऊर्जा को बचाना पड़ता है ..
ऊंचा उड़ने के लिए हल्का होना पड़ेगा , हवाईजहाज में भी एक निश्चित वजन ही ले जा सकते है न !
तो करे दिपावली की सफाई ..
देखे .. व्यस्तता के इन क्षणों में न सिरदर्द होगा न कमरदर्द अरे ! पेट में भी दर्द न होगा ..
कोनों के पीछे , पलंग के नीचे ' ताड़ के ऊपर , गैस के किनारे अरे ! अल्मारियों के भीतर की सफाई और कीड़े - तिलचट्टे मारने में जो मजा है वो मज़ा गहन ध्यान के बाद कोई विरला ही पाता है तो ध्यान करें मतलब सफाई करे ' कहीं ये मौका हाथ से न निकल जाए ।
देखिए ... कोने से काली चींटियां निकल रही है अरे , निकलती आ रही है ( लक्ष्मी आने का संकेत ) ...
मेरा दिल बल्लियां उछल रहा है . .
अबकी चंदेरी सिल्क की साड़ी और नौ लखा हार पक्का ..
वाह ! सामने कोई झाड़ू भी लगा रहा ..
तो .. आप भी किस्मत चमकाएं ..
झाड़ू हाजिर है ।