दादी 36 Number घर वाली

दादी 36 Number घर वाली

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हाँ इसी नाम से जानते है उनको,नाम तो लीलावती हैं36 Flat में रहती है,बेटा बहू है जो आफिस या दुनियादारी में लगे रहते हैं,दादी का जब तक शरीर चला तब तक तो सेवा में लगी रही पर अब तो कुछ भी दिखता नही,ना सुनायी पड़ता है,तो बोझा कहे कि या एक कोने में रखा हुआ सामान से अधिक हैसियत नही हैं हमारी मुलाकात लिफ़्ट से उतरते हुये हुई वह उतर तो आई पर शायद राह भूल कर कहीं जा रही थी,यह तो कहिये की नौकरानी ने देख लिया तो पकड़ कर ले आई बेटा बहू की शाम को चीखने की आवाज आ रही थी ,उनके उपर इन बातों का कोई असर नही वह मान अपमान सब से परे है,हम मन ही मन सोच रहे थे कि यह वही माँ है ना जो अपने बेटे को पालने में कितनी रातो में ना सोयी होगी सारे दुखो को लेकर पर अपने बेटे पर कोई आंच नही आने दी होगी ,कितने अरमानो से बहू को लेकर आयी होगी आज उसका ही जीवन कितना नरक है,मैं तो शिव से कहूंगी कि दादी को उठा ले मान अपमान के बंधनो से आजाद करा दें।


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