चमत्कार
चमत्कार
यशराज जो कृष्ण भक्त था उसको कृष्ण जी से बहुत लगाव था यशराज जो भी कृष्ण जी मांगता वह उसको मिल जाता . एक दिन यशराज के दरवाजे पर एक कृष्ण रूपी बालक आया ओर बोला भैया भूख लगी है कुछ खाने को दो न . लेकिन यशराज ने भग्गा दिया ओर बोला - "कृष्ण जी तो मूर्ति मे है तू तो साधारण बालक है." देखते ही देखते कृष्ण जी की मूर्ति यशराज के हाथ से गिर गई ओर टूट गई . यशराज के सामने कृष्ण जी प्रकट हुए ओर क्रोधित होते हुए बोले तेरे सामने ही खड़ा था और तूने मुझको कुछ दिया नहीं. अब मै तेरी चोखट पर कभी नहीं आऊंगा . यशराज बोला - "प्रभु माफ करदो जाने अनजाने मे मेरे से ग़लती हो गई ." कृष्ण जी बोले - "मै तुम्हारी भक्ति देख कर तुम्हारे पास आया था लेकिन तुमने नाराज़ कर दिया." और कृष्ण जी चल दिए .
शिक्षा : - हम किसी न किसी वजह से अपने भगवान को नाराज़ कर देते है.