STORYMIRROR

शशांक मिश्र भारती

Tragedy

2  

शशांक मिश्र भारती

Tragedy

बरदाश्त

बरदाश्त

1 min
63

    रामलाल की इकलौती बिटिया अपने गले में फन्दा डालकर झूल गई।

    शायद कल रात का अपमान वह बरदाश्त न कर पायी थी।

    करती भी कैसे ?

    उसके ही तो बाप ने हैवानियत के नशे में आकर उसे कमरे में बन्द कर लिया था।

    बिटिया का रोना-गिड़-गिड़ाना कुछ काम न आया था।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy