बरदाश्त
बरदाश्त
रामलाल की इकलौती बिटिया अपने गले में फन्दा डालकर झूल गई।
शायद कल रात का अपमान वह बरदाश्त न कर पायी थी।
करती भी कैसे ?
उसके ही तो बाप ने हैवानियत के नशे में आकर उसे कमरे में बन्द कर लिया था।
बिटिया का रोना-गिड़-गिड़ाना कुछ काम न आया था।
