Nandini Upadhyay

Romance

4.3  

Nandini Upadhyay

Romance

और प्यार हो गया

और प्यार हो गया

4 mins
493


यह उन दिनों की बात है जब मेरे घर मेरी शादी की बात चल रही थी और मैं भी उन बातों ने चोरी छिपे शामिल होती थी। मैं भी एक कोने में छुपी उनकी बातें सुनती रहती थी क्योंकि हमारे घर जैसा माहौल था ही नहीं कि सामने से जाकर बातें सुने। फिर एक बार मुझे पता चला कि एक लड़का है मुझे देखने आ रहा है मैं बहुत डरी हुई थी क्योंकि मैं लड़कियों वाली स्कूल में पढ़ी थी यहां तक कि किसी भी अजनबी लड़के से बात नहीं करी थी। और मुझे हमेशा हिचक महसूस होती थी मैं बहुत डरी सहमी सी रहती थी।

आखिर वह समय आ ही गया जब मेरे होने वाले पति मुझे देखने आने वाले थे। मुझे अच्छे से तैयार किया गया था साड़ी पहनाई गई थी। मुझे चलने में बड़ी परेशानी हो रही थी फिर भी मुझे बताया गया कि धीरे धीरे धीरे चलना आंखें नीचे रखना घूर के मत देखना और धीमे धीमे बोलना कोई कुछ भी पूछे तो धीरे से जवाब देना। फिर मैंने देखा कि वे 4 लोग आए थे मेरे सास-ससुर ननद और मेरे होने वाले पति मैं चाय की ट्रे लेकर गई मैंने देखा कि जो मेरी होने वाले पति है उसकी बहुत बड़ी-बड़ी मूछें है मैं बहुत डर गई मुझे उसमें हिंदी फिल्मों के विलेन नज़र आ रहे थे। उसके बाद वह लोग चले गए और उनका जवाब आ गया कि मैं उन्हें पसंद हूं और और वह शादी करने के लिए तैयार है। मैं बहुत ही डर रही थी क्योंकि मुझे वह बिल्कुल भी पसंद नहीं आए थे मगर मैं किसी से कह नहीं सकती थी। क्योंकि मेरे घर का माहौल ही ऐसा था और मेरी शादी उनसे तय हो गई।

शादी का दिन भी आ गया तब तक मैं किसी से भी नहीं कह पाई थी मेरे मन में एक अजीब सा डर बैठ गया था। फिर भी शादी तो होनी ही थी हो गई मैं अपने ससुराल आ गई उसके बाद बाकी रस्में होने के बाद मुझे कमरे में ले जाकर बैठा दिया गया जो पूरी तरह से सजा हुआ था। मैं समझ गई कि हमारी सुहाग की सेज है और बाकी सभी लोग चले गए उसके बाद कुछ समय बाद मुझे दरवाजे पर दस्तक सुनाई दी मैं अंदर से बहुत ही डर गई मुझे पता था कि अब वह मेरे पति आने वाले हैं और वह अंदर आए मैंने महसूस तो मैं कांप गई मैं वह मेरे पास आकर बैठ गए और मेरे से बात करने की कोशिश करने लगे मगर मैं कुछ जवाब नहीं दे रही थी फिर मैंने देखा कि वह खड़े हो रहे हैं मैं बहुत डर रही मगर उन्होंने कहा कि लगता है तुम बहुत थकी हुई हो ऐसा करो आराम से सो जाओ मैं सोफे पर सो जाता हूं मुझे उनसे इस जवाब की उम्मीद नहीं थी।

क्योंकि मैंने बहुत सी हिंदी फिल्म देख रखी थी। अब मैंने उनकी तरफ देखा तो मुझे इतनी भी खराब नजर नहीं आए। मगर मैने सोचा चलो जान बची तो लाखों पाए। उसके बाद सुबह जब मैं उठी तो देखा किए उठ चुके थे और शायद बाथरूम में नहा रहे थे। मैं किचन में गई मेरी सास बहुत अच्छी थी। बड़े प्यार से मुझे आशीर्वाद दिया और सब चीजें समझाई। ननंद भी बहुत अच्छी थी छोटी बहन जैसी थी। और ससुर जी भी बिल्कुल पापा जैसे थे मुझे अपना ससुराल बहुत पसंद आया। मगर मुझे मेरे पति बिल्कुल पसंद नहीं आ रहे थे मुझे समझ में नहीं आ रहा था मैं किस से बात करूं।

फिर धीरे-धीरे देखा मैंने मेरे पति उनका नाम आकाश है, बहुत ही अच्छे हैं बहुत ही संस्कारी है और बातचीत में भी बहुत अच्छे हैं। मैने देखा कि वे मेरा बहुत ही ख्याल रखते थे।और मेरी छोटी से छोटी बात का भी ध्यान रखते थे। कुछ समय बाद वो मुझे अच्छे लगने लगे थे। ऐसे ही 14 फरवरी का दिन आया। तो मैंने सोचा पता नहीं आज क्या सोचा होगा मुझे समझ में नहीं आ रहा था।

मैंने देखा कि आज वह बहुत देर हो गयी है ये आये ही नही है। जबकी आज मुझे उनका इंतजार था। फिर वो आये मेरे पास आकर मुझे कुछ गिफ्ट दिया मैंने उसे खोला उसमें एक लाल गुलाब था मैं समझ गई कि वह अपने प्यार का इजहार कर रहे हैं वह मेरे पास बैठे और मुझसे कहाँ मुझे पहले दिन से पता था कि तुम मुझे पसंद नहीं करती हो मैंने तुम्हारी आंखों में देखा था इसलिए मैं इतने दिन तुमसे दूर हूं पर मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूं।

मैंने तो तुम्हें पहली बार देखा था तभी से मैं तुम्हें पसंद करने लगा था तुमसे प्यार करने लगा था। तुम मुझे बहुत अच्छी लगी थी। मैं तुमसे कोई उम्मीद भी नहीं करता कि तुम भी मुझसे प्यार करो। उनकी यह बातें सुनकर तो मैं तो सचमुच में उनकी फैन हो गई इतने दिनों से मुझे वह पसंद तो आ ही रहे थे अब मैं भी उसे प्यार करने लगी थी क्योंकि उनका व्यवहार बहुत अच्छा था और आखिर मैंने उनसे कह दीजिए कि मैं भी आपसे बहुत प्यार करती हूं उनकी बाहों में समा गई।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance