Vimla Jain

Romance Tragedy Action

4.5  

Vimla Jain

Romance Tragedy Action

और इंतजार खत्म हुआ

और इंतजार खत्म हुआ

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कभी-कभी प्रेम करने वाले प्रेमी युगल के बीच में अचानक से परिस्थिति वश दूरियां आ जाते हैं और दोनों एक दूसरे को वादा करके दूर चले जाते हैं और वापस नहीं आते बहुत लंबा समय बीत जाता है तो प्रेमिका की स्थिति बहुत तकलीफ वाली हो जाती है तकलीफ तो दोनों को ही होती होगी अगर सामने वाले का क्या ठिकाना है क्या कर रहा है इसी मनोस्थिति को दर्शाती मेरी कहानी जो घटित हुई है।

आशी तुम गए तो क्या गए। तुमने तो मुझसे वादा किया था, कि तुम जिंदगी भर मेरा साथ निभाओगे। और तुम अचानक गए ,और मिलकर भी नहीं गए ।बस एक पत्र भेज दिया कि मैं बहुत जरूरी काम से जा रहा हूं। तुम मेरा इंतजार करना। मैं तुमको लेने जरूर आऊंगा ।

उसके बाद मैंने तुमको पत्र लिखा तुम मुझको लेने कब आओगे ।और मैं तुम्हारा इंतजार करते हुए बैठी रह गई आज 20 साल हो गए।

मैं तुम्हारा आज भी इंतजार कर रही हूं। तुम्हारे खत का इंतजार कर रही हूं ,कि तुम कुछ तो लिखोगे। आओगे, नहीं आओगे ।,मगर ना तुम आए ना तुम्हारा खत आया। ऐसा सब लिखकर वे थोड़ी देर आराम करने बैठती है।

तो उसकी आंख लग जाती है ।और उसको सपने में अपनी पुरानी जिंदगी दिखने लगती है। कैसे वह और आशीष एक साथ पढ़ते थे। पूरे दिन साथ रहते थे ।घर भी उनके पास पास थे तो दोनों के घरों में भी बहुत आना जाना था।

सब कुछ अच्छा चल रहा था कि 1 दिनअमेरिका से आशीष को बुलावा आता है। कि तुम आगे की पढ़ाई करने यहां आ जाओ।

यहां तुम्हारा बहुत अच्छा भविष्य है।

और वह दूसरे ही दिन उसको बिना बताए अमेरिका चला जाता है। 1 साल 2 साल 5 साल 10 साल वह भी अपने कामों में लगी रहती है। मां बाप को शादी करने को मना कर देती है।

वह कितना चाहते हैं कि इकलौती बेटी है, शादी हो जाए ।मगर वह नहीं मानती। उसको तो आशीष का इंतजार था।

और आशीष के वचनों पर विश्वास था। उसको विश्वास था कि 1 दिन उसको वापस पत्र का जवाब मिलेगा ।और उसके जवाब में वह खुद आ जाएगा ।मगर उसका इंतजार बहुत लंबा होता जा रहा था। उसके मां-बाप भी स्वर्ग सिधार गए ।अब वह बिल्कुल अकेली थी ।चाहती तो अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू कर सकती थी। मगर उसने करी नहीं। उसको आशीष से सच्चा प्यार था और वह उसी इंतजार और कितनी परेशानी में उसने 20 साल निकाले रही है ।

अब और कितना इंतजार करूं।कि एकदम से उसकी आंख खुलती है।

और वह सोचती है मैं एक पत्र और लिख देती हूं तो वह कंप्यूटर के ऊपर पत्र लिखने जाती है, तो देखती है आशीष का सामने से प्रेम पत्र आया हुआ होता है। कि तुम तैयार रहना। मैं तुमको लेने आ रहा हूं। यह बहुत खुश हो जाती है।

मगर फिर भी उसका मन नहीं मानता। उसको लगता है यह नहीं हो सकता ।20 साल बाद कोई लेने आ सकता है।भला। अब तो उसकी खुद की भी जिंदगी में उसका परिवार होगा उसके जिंदगी में मेरी क्या जगह ।फिर सोचती आने दो, उसको कल बात करूंगी। दूसरे दिन वह नियत समय पर आता है और उसको बोलता है,अरे तुम तैयार नहीं हुई। मैं तुमको लेने आया हूं। तो वह बोलती है कि मैं कैसे तैयार होती।

पहले तुम अपने परिवार के बारे में अपने बारे में तो कुछ बताओ। तुमने भी तो शादी-वादी कर ली होगी। तुम्हारे कितने बच्चे हैं ।तब वो बोलता है मैं वहां एक बहुत बड़ी परेशानी में फंस गया था। उसमें से निकल ही नहीं पाया। और तुमको परेशान नहीं करना चाहता था।

इसीलिए मैंने तुमको इतने टाइम तक कांटेक्ट नहीं करा। अब मेरी जिंदगी वापस लाइन पर आई है। वहां की चमक दमक देखकर मैं खो गया था।

उस पर किसी ने मुझे गलत स्कैम में फंसा दिया था।

जिसने से छूटने में मुझे इतना टाइम लग गया। चाहो तो तुम मेरी हिस्ट्री चेक कर सकती हो। मैं तो तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था। कब तुमसे मिलना हो ।और मैं तुमको लेकर जाऊं। और अपना वादा पूरा करूं।

वह बोलती है आशीष तुम 1 दिन का टाइम दो। मैं सब पता करके फिर तुमसे मिलती हूं ।दूसरे दिन वह अपने सब सोर्सेस से पता लगाती है कि यह ठीक कह रहाहै। आशीष ठीक कह रहा है। फिर उसको फोन करती है हां तुम ठीक कह रहे थे। गलत नहीं थे। मैंने मन की तसल्ली के लिए सब पता कर लिया है। अब मैं तुमसे शादी करने तैयारहूं और उसकी शादी हो जाती है ।और उसके 20 साल का लंबा इंतजार खत्म हो जाता है ।

उसके जवाब के इंतजार में उसने 20 साल निकाल दिए और इंतजार बहुत सुखद स्थिति में खत्म हुआ।


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