Chandra Prabha

Tragedy

4.5  

Chandra Prabha

Tragedy

असावधानी

असावधानी

2 mins
364


आज कल अस्पताल जाकर भी सही से देखभाल होगी या नहीं, यह कुछ कहा नहीं जा सकता। 

पहले पति बीमार हुए और पूरी तरह से ठीक भी नहीं हो पाए थे कि पत्नी बीमार हो गई, पत्नी को अस्पताल में भर्ती किया गया।और तबीयत ज्यादा ख़राब हुई तो ICU में उन्हें ले जाया गया।बाद में पत्नी की तबीयत सुधरी।रिपोर्ट नेगेटिव आ गयी।डॉक्टर ने कहा कि घर ले जा सकते हैं, लेकिन उससे पहले MRI कराने का सुझाव दिया।

जब MRI के लिए ले जाने लगे तो नर्स ड्रेस ठीक करने लगी ।उसी में उसने करवट पलटवाई तो खाने की नली से खाना साँस की नली में चला गया। मरीज़ की हालत तुरंत ख़राब हो गई। इससे थोड़ी देर पहले उसको जूस दिया गया था। डॉक्टर्स ने साँस की नली से खाने के कण निकालने की कोशिश की, मगर सफलता नहीं मिली। कुछ ही मिनटों में मरीज़ की डेथ हो गई। 

बेटा मम्मी को घर ले जाने के लिए आया था पर उस पर वज्रपात हो गया उसे मम्मी का शव ही मिला। मिनटों में कुछ का कुछ हो गया। ठीक होते होते मरीज़ चल बसा। किस को दोष दिया जाए। 

 इसे लापरवाही कहा जाए या क्या कहा जाए। भाग्य पर संतोष कर चुप बैठना पड़ता है। कुछ का कुछ हो जाता है। जाने वाला तो चला गया , वह तो वापस नहीं आ सकता। अब कुछ भी होता रहे उसके लिए तो व्यर्थ ही है।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy