Chandra Prabha

Children Stories Inspirational

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Chandra Prabha

Children Stories Inspirational

एक एक तरबूज़

एक एक तरबूज़

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      आज कल के युवा वर्ग वृद्ध व्यक्ति की उपेक्षा करते हैं। उसको सम्मान की दृष्टि से नहीं देखते हैं। पर वृद्ध व्यक्ति अनुभवों के धनी होते हैं, और अपनी व्यावहारिक बुद्धि से समस्याओं का समाधान सरल तरीक़े से सुझाव देकर कर देते हैं। इसी बारे में एक लोक कथा है जो वृद्धि व्यक्ति के विवेक को दर्शाती है कि किस तरह उनकी विवेक बुद्धि सहायक होती है। 

     एक व्यक्ति की कन्या का रिश्ता दूसरे गाँव के व्यक्ति के पुत्र से हुआ व शादी की तिथि निश्चित हो गई। लेकिन कन्या के पिता किसी वजह से अब वहाँ रिश्ता नहीं करना चाहते थे और रिश्ता तोड़ने का अपवाद अपने ऊपर लेना भी नहीं चाहते थे ।तो उन्होंने लड़के वालों को संदेश भेजा कि बारात में किसी वृद्ध व्यक्ति को साथ नहीं लाएँ ,और कन्या पक्ष की कुछ शर्तें होंगी। उन्हें पूरी करने पर ही बारात आए और शादी संपन्न हो ।अन्यथा शर्तें पूरी नहीं होने पर शादी नहीं होगी और बारात को वापस लौटना होगा। 

लड़केवालों ने यह बात मान ली और वे बारात लेकर चल दिए। लड़के के दादा ने भी बारात के साथ चलने के लिए कहा , पर लड़के के पिता ने कहा कि लड़की वालों ने किसी भी वृद्ध व्यक्ति को लाने से मना किया है इसलिए आप वहाँ नहीं जा सकते। 

इस पर दादा ने कहा," मुझे छिपाकर ले चलो ,पालकी में बैठाकर ,किसी को पता नहीं चलेगा।" इस पर बात तय हो गयी और उन्हें भी साथ ले लिया गया ,तथा छिपाकर बैठा दिया गया।     बारात ने प्रस्थान किया । रास्ते में एक छोटी नदी पड़ती थी। लड़की वालों की तरफ़ से शर्त आई कि इस नदी को दूध से भर दें। बारात में आए व्यक्ति असमंजस में पड़ गए ,यह कैसे संभव है ?यह कैसी शर्त है। बिना शर्त पूरी किये आगे बढ़ नहीं सकते थे। उन्होंने बारात लौटाने का मन बना लिया। 

बारात लौटती देख वृद्ध दादा ने पूछा ,"बारात क्यों लौट रही है" तो उन्हें कारण बताया गया। दादा ने कहा ,"बस इतनी सी बात है, इसका तो बड़ा सरल सा समाधान है, लड़की वालों के पास ख़बर भेजो कि नदी से पानी ख़ाली करो ,तो हम दूध से भर देंगे।"यह उत्तर सुनकर लड़की वाले चुप हो गए। बारात आगे चली और गाँव में पहुँच गई। 

लड़की वालों ने अगवानी की ,और खाने में तरबूज़ दिये ।बारात में क़रीब सौ आदमी आए थे। हर बाराती को एक एक बड़ा तरबूज़ दिया गया, इस तरह सौ तरबूज़ हो गए। और कहा गया कि ये आपको पूरा खाना है और ख़त्म करना है, यह शर्त है। तरबूज़ बहुत बड़े थे और एक व्यक्ति पूरा नहीं खा सकता था। क्या किया जाय,किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। शर्त पूरी नहीं होने पर बारात को वापिस लौटना होगा। 

फिर उसी वृद्ध दादा ने सुझाव दिया," तरबूज़ ले लो , एक तरबूज़ की सौ फॉंके कर लो और सब लोग एक एक फॉंक बॉंटकर खा लो। इसी तरह बारी बारी से सब तरबूज़ की पतली पतली फॉंके कर लो और बांटकर ले लो, इस तरीके से आसानी से सब तरबूज़ खाये जाएंगें"।

यही हुआ ,एक एक तरबूज़ के सौ सौ टुकड़े किए गए , एक एक छोटा टुकड़ा सबके हिस्से में आया। इस तरह सब तरबूज़ खाये गए। 

लड़की वालों को बहुत आश्चर्य हुआ उनकी सब शर्तें पूरी हो गईं। कैसे यह सब हुआ? उन्होंने पूछा कि बारात में क्या कोई वृद्ध व्यक्ति भी आया है, तो पता चला कि लड़की के दादा छिपकर आए थे और उन्हीं की सलाह से ये शर्तें पूरी हुई हैं। अब क्या हो सकता था ,लड़की वालों को अपनी कन्या की शादी लड़के से करनी पड़ी। 

उन्होंने वृद्ध व्यक्ति को बारात में साथ लाने से मना किया था यह सोचकर कि आसानी से बारात को लौटा देंगे। पर वृद्ध व्यक्ति की बुद्धिमत्ता के कारण ऐसा नहीं हो सका। 

शिक्षा मिलती है कि वृद्ध व्यक्ति का आदर सम्मान करना चाहिये और उनका ध्यान रखना चाहिए, उनके आशीर्वाद ,उनके सुझावों से उलझी समस्याएं भी सुलझ जाती हैं।


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