STORYMIRROR

Kavita Sharrma

Abstract Inspirational

3  

Kavita Sharrma

Abstract Inspirational

अक्षर

अक्षर

1 min
173

 जमुना पढना चाहती थी पर बहुत से कारण थे जो उसमें बाधक रहे,खैर उसने भी हिम्मत न हारी।मां के साथ (जिस घर में वो खाना बनाने जाती थी ) उनकी बेटी रीना ने उसकी मन की बात जान ली और वो उसे लिखना और पढ़ना सीखाने लगी।
बस फिर क्या था उसे जैसे पंख मिल गये। वो पढना लिखना सीखती गई।और काम करके उसने थोड़ा बहुत पैसे भी जोड़ लिये। दसवीं की‌‌ परीक्षा‌ (प्राईवेट) भी दे डाली।‌आज परीक्षा का परिणाम आया तो वो फूली न समाई प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुई है उसने मां को बताया तो वो हैरान रह गई कि उसकी बेटी 
ने यह सब सीखा। दोनों मिठाई लेकर रीना के पास गये उनका मुंह मीठा कराया और अपने हाथ से लिखा एक धन्यवाद का पत्र भी उसे दिया। आज उसका स्वाभिमान जाग उठा था।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract