खूबसूरत पड़ोसन
खूबसूरत पड़ोसन
निशा मुबंई में नयी थी। वो पटना से यहां नौकरी के सिलसिले में आई थी। इतनी ऊंची इमारतें देख वो हैरान थी। कंपनी की तरफ़ से ही फ्लैट मिल गया था। उसे आए एक महीना हो चुका था। । साथ वाले फ्लैट में दंपति रहते थे मिस्टर अय्यर हां यही नेमप्लेट लगी थी उनके दरवाजे पर। महिला दिखने में
ज़रा भी अच्छी नहीं थी। ऊंचे से दांत थोड़ी काली ।
जुलाई का महीना था बहुत ज़्यादा बारिश थी, निशा उस दिन बारिश में भीग गई थी। रात को उसे तेज़ बुखार हो गया। यहां वो किसी को जानती नहीं थी। बस मि०अय्यर से एक दो लिफ्ट आफिस जाते समय मुलाकात हुई थी। रात एक बजे उसे काफ़ी तेज़ बुखार महसूस हुआ तो जैसे तैसे उठकर उसने मि.अय्यर की घर की घंटी बजाई दोनों दंपति घबरा गये
और उन्होंने दरवाजा खोला तो रजनी को बैठे पाया उसकी हालत देखकर ही वो समझ गये कि उसकी तबीयत खराब है
श्रुति (मि.अय्यर की पत्नी ) ने उसे उठाया अंदर लाकर सोफे पर लिटाया और गर्म पानी की पट्टी करने लगी और एक गोली भी उसे खिलाई रजनी बेसुध सी थी पर एहसास हो रहा था श्रुति जी कैसे भाग-दौड़ कर रहीं थीं। दवा खाकर उसे कब नींद आ गई पता ही नहीं चला। सुबह उठी तो काफ़ी ठीक महसूस कर रही थी। श्रुति ने आकर हालचाल पूछा और चाय और बिस्कुट खाने के लिए दिए। रजनी काफ़ी संकोच अनुभव कर रही थी पर उनकी बातों ने उसे बहुत अपना पन लगा और मां की याद आ गई। मन ही मन उसे शर्मिंदगी महसूस हुई कि बाहरी रुप से उनके बारे क्या राय बना ली थी, जबकि श्रुति
असल कितनी खूबसूरत पड़ोसन हैं ।
