Happy{vani} Rajput

Comedy

3  

Happy{vani} Rajput

Comedy

अब आई मेरी बारी

अब आई मेरी बारी

2 mins
441


आज कल कोरोना का इतना डर मन में बैठ गया है कि जिस भी बन्दे को अगर खांसी , छींक आ भी जाए तो दिमाग घूमने लगता है कि कहीं कोरोना तो नहीं और अगर कहीं दो बार छींक आ जाए तो खुद छींकने वाले को भी डर लगने लगता है। ऐसे ही एक मज़ेदार बात हुई। हुआ यह की जब सारी दुनिया क्वारंटाइन हो के घर में अपना काम जैसे तैसे चला रहे थे तो दीप्ति मैडम ने अपनी कामवाली को छुट्टी नहीं दी क्यूंकि दीप्ति का ऑपरेशन हुआ था और डॉ ने उसे दो महीने आराम करने की सलाह दी।

अब घर में केवल मियां - बीवी, तो आकाश महाशय तो ऑफिस के काम का बहाना ले के बैठ गए। अब घर का काम कौन करे। आखिरकार यह फैसला हुआ कि कामवाली को बुला लेते हैं। चलो जी कामवाली को क्वारंटाइन में भी छुट्टी नहीं मिली। दो वक़्त की रोटी के लिए पैसों का जुगाड़ हो जाए तो मरती क्या करती, बेचारी काम पे आ गई।

अब दीप्ति ने पुरे लॉकडाउन कामवाली से काम करवाया। ऐसे में एक दिन कामवाली के घर लड़ाई हो गयी , तो जी उसने कर ली छुट्टी और बहाना बनाया कि "मैडम मुझे बुखार है और खांसी जुकाम भी , तो मैं दो दिन बाद आउंगी।" लोजी दीप्ति मैडम की सांस ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे। दीप्ति सोचने लगी "कहीं कोरोना ग्रस्त तो नहीं हो गयी। क्या जा रहा था आकाश का थोड़े दिन काम कर लेता तो।" फ़ोन घुमाया और बोल डाला कामवाली को टेस्ट करवाने के लिए और बोला "अब मैं बिलकुल ठीक हूँ और तुमको जब फ़ोन करूँ तो ही आना।"

कामवाली सोच रही थी "ये लो कर लो बात - बहाना महंगा पड़ गया, मुझको क्वारंटाइन कर गया। जब सारी दुनिया क्वारंटाइन में घर के अंदर रह रही थी तब मैं काम पर आ रही थी और फालतू ही मैंने बुखार का नाम लिया। लो अब जब सबका क्वारंटाइन ख़त्म हो गया तो मेरा क्वारंटाइन शुरू हो गया। अब मेरी बारी आ गयी क्वारंटाइन होने की। भला बताओ यह भी कोई बात हुई। कहके कामवाली ज़ोर से हंसी और अपने घर का काम निपटाने लगी। "

तो लॉकडाउन में थोड़ा पुरुषों को भी अपनी अहम् को दरकिनार करके घर के कामों में औरतों का हाथ बंटाना चाहिए तो क्वारंटाइन में किसी को बुलाना नहीं पड़ेगा और बेवजह का दिमाग में शक नहीं आएगा और घर का काम भी आसानी से हो जाएगा।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Comedy