गीता भावशून्य थी। दिखावे के कंबल बँट चुके थे।असल की ठंडी ने प्राण ले लिए थे। गीता भावशून्य थी। दिखावे के कंबल बँट चुके थे।असल की ठंडी ने प्राण ले लिए थे।
सौम्या की बातें सुनकर आशा जी के पास आगे बोलने के लिए कुछ नहीं था। सौम्या की बातें सुनकर आशा जी के पास आगे बोलने के लिए कुछ नहीं था।
बात सुनकर मेरी नज़र अपनी कामवाली की बेटी पर चली गई बात सुनकर मेरी नज़र अपनी कामवाली की बेटी पर चली गई
ट्रेन में सामान रखते हुए रमन ने रूपा को चूम कर विदा किया। ट्रेन में सामान रखते हुए रमन ने रूपा को चूम कर विदा किया।
मैंने ईश्वर को धन्यवाद दिया कि वह मेरी बच्ची नहीं थी। मैंने ईश्वर को धन्यवाद दिया कि वह मेरी बच्ची नहीं थी।
"नारी का सम्मान" "नारी का सम्मान"