no matter
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हक़ है,उसका यह जन्म आधिकार है,पर फिर भी उसे पुरुषों को जूती ही क्यूँं समझा जाता है?
वह चाहती तो अभी थाने जा। कर धनराज और उनके परिवार के ऊपर सकती थी,आपन हक स्वयं हासिल करना चाहती है।संध्या के समय वह धनराज के आने आने का इंतजार कर ही रही थी की आने दो आज