आत्म
आत्म
, उन बंधनो को उसने अपने शुद्ध अन्तःकरण से अपनाये थे। क्या वो अटल धुव्र तारा इसलिए ही स्त्रियां के हृदय पर क्या बीतती होंगी, जो कुठाराघात उन्हें सहन करना पड़ता है उसे तो आप भूल जायें शीला अपने आप से मन मे बड़बड़ाती हुई सी बोली।
ही थी कि उसके मुख से