STORYMIRROR

shivendra 'आकाश'

Abstract

4  

shivendra 'आकाश'

Abstract

2020:- साहित्य और समय

2020:- साहित्य और समय

3 mins
242

साल 2020, "बड़ा ही उतार चढ़ाव वाला था यह साल जिंदगियां लड़ी थी, खड़ी थी इस साल" इन पंक्तियों से मैं अपनी बात को शुरू करूँगा, जिंदगी के अनेक रूपों को मानव के समक्ष प्रकट करता है, इस साल ने हमे यह शिखाया दिया है कि मनुष्य को अपने आप को प्रकृति से महान न समझना चाहिए बल्कि मनुष्य स्वयं प्रकृति का एक अभिन्न अंग है, महामारियां आती जाती रही है लेकिन मनुष्य का जीवन नही थाम सकी थी लेकिन इस कोरोना महामारी ने मानव जीवन को कुछ समय के लिये पूर्ण रूप से थाम दिया था, निराश एवं अवसाद का जो माहौल देश ही क्या पूरे विश्व मे मानवजात के लिए एक चुनौती बन गया है, एक समय ऐसा लग रहा था कि क्या यह निराश और हताशा का माहौल मनुष्य के चेहरे पर हमेशा के लिए तो घाव नही छोड़ देगा,

ऊपर से फिर इस नई बीमारी के बारे में लोगों के बीच भ्रम की स्थिति बन गई थी, कुछ इस बीमारी को मानते थे और कुछ लोगो ने इसे छलावा समझा, खैर यह बात तो उन्हें भी माननी पड़ेगी की मृत्युदर अचानक से इतनी अधिक कैसे बढ़ी? दूसरे पक्ष को देखने पर यह कहना भी ठीक है कि यह साल प्रकृति के लिये फलदायी रही,प्रदूषण का जो स्तर चरम सीमा में पहुँच गया था उससे राहत मिली, नीले एवं स्वच्छ आकाश का भी हमने मनोरमदृष्य देखा। 


सामाजिक दृष्टि से देखने पर भी इस साल के दो पहलू हो सकते है, एक तो "सामाजिक दूरी" या "सोशल डिस्टेंसिंग" का जो चलन चला उसने आदमी को आदमी से दूर करने का भरपूर प्रयास किया, वैज्ञानिक तौर से यह सही कदम ही था जिसने संक्रमण को अधिक फैलने से बचाया है।

दूसरा यह है कि सामाजिक स्तर पर लोगो मे परोपकार की भावना का उदय हुआ, लाखों मजदूरों के पलायन के दौरान उन्हें रुकने की, खाने पीने की उचित व्यवस्था हुई। पुरानी कुछ रूढ़ियों को सर्वसमाज संगठनों के लोगो ने अपने अपने तरीके से उन्हें बदलने का प्रयास किया, जैसे किसी समाज ने मृत्युभोज की रूढ़ियों को बंद कर उसके स्थान पर बेटियों की शिक्षा में खर्च करने का आवाह्न किया तो किसी ने सामाजिक स्वास्थ्य पर। 

वर्ष 2020 ने समय की अनिश्चितता का महत्व साधारण मनुष्य को भली प्रकार से समझा दिया है। साधारण मानव की आशा का सब्र भी आत्मबल से ही जिंदा रहा है, नई ऊर्जा, ओज और आशा से भरपूर अनेक कविताओं, कहानियों का लोगों ने खूब अध्ययन किया, जो लोग समय की व्यस्तता के कारण साहित्य से नही जुड़ पाते थे उन्हे भी साहित्य से परिचित होने का अवसर इस साल मिला, कई ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से साहित्यिक गतिविधियों का नया चलन प्रारम्भ हुआ, कवि सम्मेलनों से लेकर साहित्यिक संगोष्ठियां अब ऑनलाइन आयोजित होने लगी है, अन्य क्षेत्र के कई युवाओं ने इस साल अपने खाली समय का उपयोग साहित्य के क्षेत्र में दिया, कुछ इस क्षेत्र से जुड़े लोगों ने सोशलमीडिया के माध्यम से लोगो का मनोरंजन भी किया। अतः साहित्यिक गतिविधिया इस बिषम समय मे भी चलती रही। साहित्य के लिए यह साल कुछ चुनौतीपूर्ण तो रहा लेकिन साहित्य के अस्तित्व के लिए हानिकारक नही। 

अंत में यह साल मानव जीवन को झकझोरने वाला है, बहुत कुछ सबक सिखाने वाला भी रहा हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract