Find your balance with The Structure of Peace & grab 30% off on first 50 orders!!
Find your balance with The Structure of Peace & grab 30% off on first 50 orders!!

Pujashree Mohapatra

Horror

3.4  

Pujashree Mohapatra

Horror

आपबीती

आपबीती

3 mins
1.6K


ये एक आपबीती घटना है जो मेरे दादी के साथ घटी थी। मेरी दादी ने जब ये किस्सा मुझे सुनाई थी तब मेरे रोंगटे खड़े हो गए थे। ये घटना उनके साथ बचपन में घटी थी। तब की बात है जब वो ८ साल की थी। 

दादी की मायके वाले जमीनदार थे। दादी की दादाजी मांस मछली खाने की शौकीन थे।और वो रात के वक्त दारू पीते थे। तो उसके साथ चखने में मछली खाते थे। उन‌ के यहां एक लड़का काम करता था। उस लड़के का नाम सुधाकर था। एक पूर्णमासी की रात को वो लड़का नदी से मछली पकड़ने गया था। नदी के जल चांद की रोशनी से चमक रही थी। रास्ते भी चांदनी रात में हल्की सी दिखाई दे रही थी। दादी ने खेलते खेलते नदी के पास चली गई और जब वो सुधाकर को मछली ‌पकडते हुए देख लिया तो वो उनके पास चली गई। सुधाकर ने उन्हें देखकर घर वापस चले जाने को कहा पर दादी ज़िद पर अड़ी रही की वो वहीं बैठ कर मछली को टोकरी में भरेंगी। जब वो नहीं मानी तब सुधाकर ने जबरदस्ती एक हाथ में दादी को और दुसरे हाथ में मछली से भरी हुई टोकरी को पकड़ के ‌चलने लगा। तभी दीदी को दिल को दहला देने वाला ओर एक भयानक दृश्य देखने को मिला। अभी भी ये बात बोलते वक्त मुझे डर लग रहा है। वहां पर बड़े बड़े बांस के पेड़ था। वो बांस के पेड़ सब एकदम से अचानक एक साथ निचे सो गए और धड़ाम से बारिश के बुंदों की तरह रेत बरसने लगे ऊपर से। फिर एक साया उनके पिछा करते हुए आ रहा था थोड़े दुर तक। एक अजीब सी चीखने की आवाज सुनाई दे रही थी। सुधाकर कुछ बड़बड़ा रहा था शायद हनुमान चालीसा बोल रहा था। उसने टोकरी से कुछ मछली वहां फेंक दिया। तभी कुछ क्षण के बाद वो पेड़ फिर से उपर उठ गए, और वो आवाज ओर सुनाई नहीं दी। सब कुछ पहले जैसा हो गया। 

उस जगह पे नदी के कुछ ही दुरी पर श्मसान घाट था। वहां की लोगों का कहना था जो भी लोग वहां मछली पकड़ने जाते थे अपनी टोकरी से कुछ मछली वहां फेंक के सीधे मुंह आते थे। कोई पिछे मुडकर दुबारा नहीं देखता था। उस रात सुधाकर ने दादी को वहां से ले जाने के चक्कर में वो चीज करना भुल गया। कहते हैं आत्माओं की मांसाहार आदि चीजों में आश रहती है। तभी ये बात दादी के सामने आ गई। हालांकि वो इन आत्मा वातमा आदि चीजों में विश्वास नहीं करती थी लेकिन वो चीज हमेशा के लिए उनके जेहन में रह गया था। वो समझ नहीं पा रही थी कि ये जो घटा सच था या कोई वहम। उस बात के दो दिन तक उनके शरीर में बुखार रहा। वैद जी का कहना था कि वो उस वक्त चौंक गई होगी उसकी वजह से उन्हें बुखार हो गया। 

उस दिन के बाद वो कभी वहां नहीं गई। पर वो दिन को वो कभी नहीं भूल सकती थी। वही प्रश्न उनके दिमाग में घूम रहा था वो घटना सच था या उनके आंखों का कोई ‌वहम !


Rate this content
Log in

More hindi story from Pujashree Mohapatra

Similar hindi story from Horror