Pujashree Mohapatra

Drama Romance

5.0  

Pujashree Mohapatra

Drama Romance

जन्मों-जन्मों का साथ

जन्मों-जन्मों का साथ

5 mins
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एक दिन पिंकी अपने दोस्तों के साथ नैनीताल केम्पिंग में जाने के लिए अपने पापा-मम्मी को कहती है। मिस्टर बजाज और उनकी पत्नी इकलौती बेटी को दुखी नहीं देख सकते थे तो उन्होंने पिंकी को जाने के लिए इजाजत दे दी। अगले दिन पिंकी और उसकी दोस्त नैनीताल के लिए दिल्ली से रवाना हो गए। वहां पहुंच के एक जंगल के पास उन्होंने केम्पिंग शुरू कर दी। वहां आस-पास एक शहर भी था। उन्होंने वहां रात को बहुत मस्ती की। आग जलाई और नाच-गाना भी किया। जब रात ज्यादा होने लगी तब सब सोने चले गए पर पिंकी को नींद नहीं आ रही थी तो वह थोड़ा आगे टहलने के लिए चली गई। कुछ दूर जाने के बाद उसका पैर फिसल गया तो वह गिरने वाली थी की वहां एक लड़का आ के उसे बचा लिया। तब वह लड़का बोलता है-

हैलो, आई एम पियूष और अपनी हाथ मिलाता है और पिंकी भी बोलती है-

हाय, आई एम पिंकी, थैंक्यू, आपने मुझे गिरने से बचा लिया तो पिंकी उससे पूछती है- आप यहां कैसे आए ?

पियूष- यहां मेरी गाड़ी खराब हो गई थी तो पास के लोगों से मदद मांगने आया था।

पिंकी- मैं भी यहां अपने दोस्तों के साथ केम्पिंग के लिए आई हूं।

पिंकी को अकेले आगे जाने के लिए पियूष मना करता है और केम्प के पास उसे छोड़ के वहां से चला जाता है। अगले दिन पिंकी अपने दोस्तों के साथ जंगल के पास जो शहर है वहां घूमने जाते हैं। तभी पियूष के साथ पिंकी की फिर से मुलाकात हो जाती है। पिंकी पियूष से पूछती है- क्या आपकी गाड़ी ठीक हो गई है।

पियूष - हाँ, मैं यहां एक होटल में ठहरा हूँ।

दोनों के बीच थोड़ी बातचीत होती है। दोनों एक साथ कॉफी पीते हैं। तब पिंकी के एक दोस्त आ के पूछती है- पिंकी बीच-बीच में तू कहां गायब हो जाती है।

पिंकी- आ तुझे मैं किसी से मिलवाती हूँ। तब पियूष के साथ मिलवा ने ले जाती है कि वहां पियूष नहीं होता है।

पिंकी के दोस्त- पर यहां तो कोई नहीं है।

पिंकी- तुझे फिर कभी उनसे मिलवा दूंगी।

अगले दिन फिर पियूष के साथ पिंकी की मुलाकात होती है।

पिंकी- मैं कल अपनी दोस्त को आप के साथ मिलवा ने जा रही थी पर आप कहां चले गए ?

पियूष- वो मेरा एक जरूरी कॉल आ गया था तो मैं वहां से चला गया। दूसरे दिन फिर उन दिनों की मुलाकात होती है।

तब वह दोनों खूब सारी ‌बातें भी करते हैं। एक लोंग ड्राइव पर जाते हैं। खूब सारी मस्ती करते हैं। साथ में गाना गाते हैं। धीरे-धीरे एक-दूसरे को जानने लगते हैं। ऐसा करके एक हफ्ता दोनों एक-दूसरे से मिलने-जुलने लगते हैं और फिर दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो जाता है। १५ दिन कैसे निकल जाते हैं पता नहीं चलता है। दिल्ली लौटने के दिन पिंकी अपने दोस्तों से पियूष के साथ मिलने जा रही है बोल के पियूष के पास आती है। एक-दूसरे को छोड़ कर जाने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं हो रहे थे पिंकी और पियूष। दोनों एक-दूसरे को अलविदा कह के वहां से चले जाते हैं। रास्ते में भी पिंकी, पियूष के बारे में सोचती रहती है। कुछ दिन वह दोनों फोन पर बातें करते रहते हैं। एक-दूसरे के जन्मों-जन्मों तक साथी बने रहने का वादा भी करते हैं।

एक दिन पिंकी को पियूष की बर्थ डे याद आ जाती है तो वो अपनी पापा-मम्मी को, अपनी दोस्त की भाई की शादी अटेंड करने जा रही है, बोल के पियूष की बताये हुए पते पर पहुंच जाती है उसके घर सरप्राइज देने पर वहां पहुंच के वह जो देखती है तो उसके होश उड़ जाते हैं। पियूष की फोटो पर माला लगी है।

उसके पापा-मम्मी को पूछती है तो वो बताते हैं कि आज पियूष की जन्मदिन है तब पिंकी को कुछ समझ में नहीं आता है। वह सोचती है अगर पियूष मर गया है तो ४ महिने पहले जिसे वह मिली थी वह कौन था। तब पियूष की मम्मी रोती हुई बोलती है कि एक साल पहले पियूष की एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गयी है। पिंकी वहां से डरी हुई बाहर चली आती है। तब घर के बाहर पियूष खड़ा होता है और वह कोई नहीं पियूष की आत्मा है। पिंकी उसे देख कर डर जाती है।

पिंकी- तुम कौन हो और तुम ने मुझसे कहा क्यूँ नहीं कहां तुम एक आत्मा हो।

पियूष - डरो मत पिंकी। मैं तुमसे प्यार करता हूँ अगर मैं तुमसे उस वक्त कहता तो तुम मुझसे डरती। तुमसे पहली नज़र में ही मुझे प्यार हो गया था और कहते हैं प्यार किसी को भी हो सकता है। प्यार तो दो आत्माओं का मिलन है। तो क्या हुआ मेरा शरीर नहीं है पर मेरा प्यार सच्चा है।

पिंकी समझ जाती है कि क्यूँ पियूष उसकी दोस्तों से मिलता नहीं था। पिंकी को भी एहसास होता है कि पियूष उसे कितना प्यार करता है। तब पिंकी बोलती है-

पिंकी- पर तुम्हरा और मेरा इस जन्म में कभी मिलन नहीं हो सकता।

पियूष- पर मैं तुमसे वादा करती हूँ पिंकी, अगले जन्म में तुम्हारे लिए जरूर आऊंगा।

पिंकी - लेकिन मुझे तुम्हारा प्यार इसी जन्म में चाहिए तो क्या हुआ तुम मेरी दुनिया में नहीं आ सकते पर मैं तो तुम्हारी दुनिया में जा सकती हूँ ना।

अगले दिन पिंकी की लाश एक पेड़ से लटकती हुई मिलती है और दोनों अपनी दुनिया में खुश नजर आते हैं।


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