Pujashree Mohapatra

Inspirational Tragedy

4.6  

Pujashree Mohapatra

Inspirational Tragedy

कुसुम की प्रतीज्ञा

कुसुम की प्रतीज्ञा

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जगन भोपाल के दामीला गांव में आटो रिक्शा चलाता है। घर में उसकी पत्नी शान्ति और उसकी बेटी कुसुम रहती हैं। कुसुम के पैदा होने के ३ शाल बाद शान्ति चल बसती है। इतने में ८ शाल बीत गए हैं और कुसुम अब स्कूल भी जाने लगी है और अपनी बाबा की लाडली बन गई है। एक दिन स्कूल से लौट ने बाद कुसुम अपनी बाबा के पास दौड़ के जाती है और बोलती है की बाबा मेरी स्कूल युनिफोर्म फट गई है अगर मां होती तो वो एक नया युनिफोर्म सिलाई कर देती। जगन ये सुन कर थोड़ा भावुक हो जाता है और कहता है तुम चिंता मत करो मैं तुम्हारे लिए एक नया युनिफोर्म ले आऊंगा।

धीरे धीरे कुसुम बड़ी होने लग रही है और जगन उसकी पढ़ाई के प्रति लगन को देख कर खुश हो जाता है और सोचता है कि अगर शान्ति होती तो वो कुसुम को क्लास में फर्स्ट होते देख खुश हो जाती। देखते देखते समय बीतता चला जा रहा है अब कुसुम १२ कक्षा के परीक्षा देने जा रही है और इसके लिए वो जी जान मेहनत भी कर रही है। रिजल्ट भी उसका अच्छा आया है। पूरे क्लास में फर्स्ट आई है ९५% मार्क के साथ। उसके बाद कुसुम मेडिकल पढ़ना चाहती है पर जानती है कि इस के लिए बहुत सारे पैसे लगेंगे लेकिन जगन उसे पेसौं की चिंता नहीं करने के लिए बोलता है। २ महिने बाद गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में कुसुम का एडमिशन हो जाता है और कुसुम होस्टल में रहने लगती है।

एक दिन जगन एक मरीज को अपने ऑटो रिक्शा में अस्पताल छोड़ ने जाता है तभी एक आदमी को रोते हुए देखता है क्यूँकि उसके बेटे को अगर सही समय पर खून नहीं मिला तो वो मर जाएगा। ये सुन कर जगन तुरंत खून देने के लिए राजी हो जाता है। जगन का ओ पोजिटिव ग्रुप का खून होने के कारण वो खून दे पाता है। उस बच्चे का जान बचाने के लिए उस‌ आदमी ने जगन का शुक्रिया अदा करता है और बोलता है की आप मेरे बेटे के लिए भगवान के रूप में आए हैं लेकिन जगन बोलता है कि ये तो एक इन्सानियत के नाते मेरा फ़र्ज़ है। आप शुक्रियादा मत कीजिए।

कुछ दिनों बाद कुसुम के फाइनल एग्जाम खत्म हो जाते हैं। जगन उसे होस्टल से घर लेने जाता है कि तभी जगन का एक्सीडेंट हो जाता है। रास्ते में बहुत सारा खून बह जाता है। अगले दिन खून नहीं मिलने के वजह से जगन का मौत हो जाता है। कुसुम एकदम से टूट जाती है। कुसुम के फाइनल एग्जाम रिज़ल्ट आता है और वो कॉलेज में फर्स्ट होती है। एक बड़े अस्पताल में कुसुम को नौकरी मिल जाती है तभी वो एक प्रतीज्ञा करती है की लोगों को रक्त दान करने के लिए जागरूक करेगी। इसलिए रक्तदान ! जरूरतमंद को जीवन दान। रक्तदान कीजिये।


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