AMAN SINHA

Action Inspirational

3  

AMAN SINHA

Action Inspirational

आखिर कब तक

आखिर कब तक

3 mins
168


अब तो ये बहुत हो गया यार। 

पिछले कई दिनों से मैं लगातार सोशल मिडिया पर ताज महल को लेकर चर्चा सुन रहा हूँ। एक बात मेरे गले से नहीं उतरती ये कौन से लोग है जिनके पास इतना फ़ालतू समय है और वो इतने वेल्ले बैठे है की हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को तुड़वाने के पीछे पड़े हुए है। इनका अपना एक अलग राजनीतिक और सामाजिक एजेंडा हो सकता है मगर किसी भी कारण से हम अपने देश के धरोहरों को नुकसान कैसे पहुंचा सकते है। सही है की हम राम मंदिर के मामले में फैसला पाने में सफल हुए है और ये भी की वाकई उस इमारत के नीचे कुछ हिंदु धर्म के अवशेष भी मिले थे मगर ये हमारे समझ के बाहर है की उसे आधार बनाकर हम अपने देश के एक ऐसे इमारत के पीछे पड़े जाये जो पुरी दुनिया में हमारी देश की पहचान है। आज भी ये इमारत विश्व के दुर्लभ कृतियों में गिनी जाती है। हाँ ये सच है की इसे मुगल काल में बनाया गया था और ये भी हो सकता है की उसके अंदर आप जो तलाश रहें है उसके कुछ अंश मिल भी जाये तो भी इसमें कोई आश्चर्य करने वाली बात ही नहीं है। हमारा देश जो की राम, कृष्ण और बुद्ध का देश है यहाँ आप जहाँ कभी भी १०० फिट का गड्ढा खोदेंगे हमारे हिंदु धर्म से जुड़ी कुछ ना कुछ अवशेष प्राप्त हो जायेंगे। तो इसका मतलब ये तो नहीं है की हम देश के हर एक इमारत को बस इसी कारण डाहते चले की उसके नीचे हमारे देवी-देवताओं के अवशेष दबे हुए है। जब भी कभी कोई समाज बहुत ज्यादा दिनों के लिये किसी बाहरी शक्ति के दबाव में रहती है तो उसके अंदर बदलाव आते ही है। और फिर वो बदलाव हमारे समाज का हिस्सा बन जाते है। वो हमारे समाज के लिये कई तरह से फायदेमंद भी होते है। वो हमारे समाज को सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से प्रभावित करते है। अगर हम इस तरह से एक एक करके हरेक इमारत को निशाने में लेने लगेंगे तो एक दिन ऐसा आयेगा जब हमारे देश में एक भी देखने योग्य पर्यटन स्थल बचा नहीं रहेगा। आज ताज महल की बारी है कल बड़े इमामबाड़े की बारी होगी। फिर लाल क़िला, फिर फतेहपुर सिकरी, फिर बुलंद दरवाज़ा और एक एक करके सभी को निशाने पर लिया जायेगा। अब बहुत हो गया। हमें देश के एक ज़िम्मेवार नागरिक के तरह सोचना होगा। और ये समझना होगा की हमारे देश में अभी जो भी चल रहा है वो हमें गर्त की ओर ले जा रहा है ना की चोटी की तरफ़। ये जो कुछ भी हो रहा है उसके पीछे कुछ स्वार्थी लोगों का हाथ है जो की अपना-अपना राजनीतिक हित साध रहे है। आज अगर इन्हें हम रोकने में असफल रहे तो हो सकता है की आने वाले पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करे और आज जो इमारतें हमारे हमारे देश के इतिहास का गौरव है हमारे शहर की पहचान है हमारी पहचान है वो सिर्फ हमारी किताबों का एक अध्याय मात्र बनकर रह जाये।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Action