आदिवासी लड़की का प्यार
आदिवासी लड़की का प्यार
"काबेरी तुम्हें अगले हफ्ते आगरा जाना है वहां प्यार करने वाले बालिग लड़का लड़कियों पर बहुत जुल्म हो रहा है। तुम इस तरह के मामलों को बहुत अच्छे से हैंडल करती हो इसलिये तुम्हारा ट्रांसफर वहां किया गया है ये रहे तुम्हारे पेपर ।"
"पर सर आप हमें चंबल भेज दो मैं बिना कुछ कहे चली जाऊंगी पर प्लीज आप मुझे आगरा मत भेजो मैं उस शहर मैं नहीं जाना चाहती।"
इंस्पेक्टर काबेरी ने डीएसपी सर के सामने कहा तो उन्होंने कड़क आवाज में उसे डांटते हुए कहा...
"मत भूलो काबेरी की तुम एक पुलिस इंस्पेक्टर हो मुझे नहीं पता कि तुम्हारी उस शहर से क्या दुश्मनी है? पर ये याद रखो कि तुम्हारी पर्सनल लाइफ की वजह से तुम्हारी नौकरी पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिये।,,
"एस सर" कहते हुए काबेरी डी एस पी सर को सैल्यूट मार उनके केबिन से बाहर आ गई। पर ये ऑर्डर सुनकर उसका मन बहुत विचलित हो गया था।कितनी मुश्किल से वो अपनी पुरानी जिन्दगी को पीछे छोड़ आगे बढ़ने की कोशिश कर रही थी। पर उसे अब फिर से वापिस उस शहर में जाना था जिस शहर ने उसका सब कुछ छीन लिया था।
अनमनी सी काबेरी अपनी ड्यूटी से घर पहुंची तो उसकी मेड ने उससे पूछा...."खाना लगा दूं दीदी"
पर काबेरी का मन ही नहीं हुआ कुछ खाने पीने का तो उसे छुट्टी दे वो अपनी डायरी लेकर बिस्तर पर बैठ गई और एक बार फिर अपनी गुजरी जिंदगी के पन्ने पलटने लगी.......
कहते है कि आगरा तो पहचाना ही मोहब्बत के लिए जाता है तो वहां अगर उसे किसी से मोहब्बत हो गई तो पता नहीं क्यों पूरे शहर को आग लग गई थी।
काबेरी एक आदिवासी लड़की थी बड़ी मुश्किलों का सामना कर उसने पढ़ाई की थी क्योंकि जिस जगह वो रहती थी वहां महिलाओं को तो छोड़ो पुरुषों को भी पढ़ने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। पर काबेरी बहुत अलग थी उन सबसे वो पढ़ लिख कर अपने मां बाबा की गरीबी दूर करना चाहती थी। बस इसीलिये वो सब से लड़ी पढ़ने के लिए और अच्छे नंबरों से पास होकर कॉलेज में पहुंच गई जहां उसकी मुलाकात हुई नीलेश से।
दोनों में पहले दोस्ती हुई फिर वो दोस्ती कब प्यार में बदल गई उन्हे खुद भी पता नहीं चला। पता चलता भी कैसे वो जब भी कहीं मिलते हमेशा बातें तो सिर्फ अपने अपने कैरियर को बनाने को लेकर होती। कोई आगरे के ताजमहल को देख प्यार में जीने मरने की कसमें खाता पर वो तो बस एस पी बनकर काबेरी के साथ सीधी सादी जिन्दगी जीना चाहता था।
निलेश की इन्हीं बातों ने तो दिल जीत लिया था काबेरी का। निलेश और काबेरी ने अपने प्यार पर सामाजिक मुहर लगाने के लिऐ शादी करने का फैसला किया। पर काबेरी के आदिवासी होने की वजह से नीलेश के घर वालों ने काबेरी को अपनाने से साफ मना कर दिया। तो काबेरी के घरवालों ने भी सिरे से नकार दिया था नीलेश को और उनके प्यार को। पर दोनों ने सच्चा प्यार किया था तो कानूनी शादी कर दोनों ने संग रहने का फैसला कर लिया था।
पर प्यार के दुश्मन घरवालों को ये भी कहां रास आया था।जब काबेरी कोर्ट के बाहर नीलेश के साथ अपना नंबर आने का इंतजार कर रही थी कि कुछ लोग ढूंढते हुए वहां पहुंच गए और उन दोनों पर हमला कर दिया।जिसमें खुद के साथ काबेरी की रक्षा करते हुए नीलेश के सर में चोट लग गई और वो वहीं गिर पड़ा जबतक पुलिस वहां आई नीलेश के प्राण जा चुके थे। वहीं रोती बिलखती काबेरी को भी वो लोग घर ले जाकर मार डालना चाहते थे।
तब काबेरी ने हिम्मत दिखा कर वहां से भागकर अपने और नीलेश के घर वालों के खिलाफ एफआईआर कर दी थी।तो पुलिस ने दोनों परिवार के लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। काबेरी का प्यार मिट गया था और परिवार छूट गया था। ऐसे में उस शहर में रहना काबेरी के लिऐ बहुत मुश्किल हो गया था तो वो सब छोड़कर आ गई थी उस शहर से दूर यहां आकर नीलेश का और अपना सपना पूरा करने के लिए पुलिस लाइन में आ गई।
अब उसे वापिस उस शहर में जाना है मन तो नहीं है पर जाना ही पड़ेगा इसलिये *जो अंजाम उसके प्यार का हुआ वो किसी और का नहीं होने देगी *ये कसम खा कर तैयारी करने लगी वहां जाने की।