हर एक दोस्त.....
हर एक दोस्त.....
"दिव्या आज मेरे दोस्त शाम को घर आयेंगे तो तुम उनके लिये कुछ अच्छा सा बना लेना।,,
"नहीं अजय मेरी तबियत कुछ ठीक सी नहीं लग रही । मैं नहीं बना पाऊंगी । दिव्या ने अपने माथे पर हाथ फिराते हुये कहा।,,
दोपहर में भाई का फोन आ गया कि वो आ रहा है।भाई के आने की खबर सुनकर दिव्या ने खुश होकर ढेर सारे पकवान बना लिये।
शाम को अजय का फोन आया " भाई साहब को कोई बहुत जरूरी काम आ गया तो वो नहीं आ पाये। अब तुमने जो इतने मेहनत से खास पकवान बनाये है , वो खराब हो जायेंगे तो क्या में अपने दोस्तो को ले आऊं ?
दिव्या समझ गई उसके भाई ने बहनोई से ज्यादा दोस्ती का फर्ज निभाया है।
आखिर हर एक दोस्त •••••••••होता है!!