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Raj Aryan

Abstract Inspirational

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Raj Aryan

Abstract Inspirational

ज़मीन -मेरी सच्चाई

ज़मीन -मेरी सच्चाई

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मुझे जो चाहता है , 

मैं उसे बर्बाद कर देता हूँ । 

मुझसे प्रेम रखोगे तो मैं तुम्हें इज़्ज़त दूँगा। 

मुझसे मोह रखोगे तो

मैं तुम्हें ना घर का और ना घाट का रहने दूँगा। 


मैं अपना रूप बदलते रहता हूँ, 

कभी बहुत मूल्यवान होता हूँ, तो कभी बहुत बेकार। 

समय और मेरा कभी अच्छा ताल-मेल नहीं रहा है। 

मैने दुर्योधन के मोह को ललकारा और

उसे कुछ समय के लिए बलवान बनाया

पर समय ने उसे मुक्ति दिलाया। 


मुझे जिसने प्रेम दिया उसका मैने ही नहीं

पर समय ने भी साथ दिया। 

मुझे जब तुमने गुस्सा दिलाया तब

मैने तुम्हें अपने अंदर ले लिया। 


दिल की बात कहता हूँ , 

मुझे ना ही किसी का प्रेम चाहिए

और ना ही किसी का मोह , 

मुझे इज़्ज़त दो । 

मेरा इज़्ज़त बढ़ेगा तब ही तुम्हारा इज़्ज़त बढ़ेगा 

(स्वयं विचार कीजिए )



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