ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी तो एक लज़ीज़ कबाब है
तू है तो थोड़ा सा करारा।
थोड़ा सा खट्टा, थोड़ा सा मीठा रुबाब है,
तू नहीं तो फीक- फीका जला हुआ पकवान है।
तू है तो ज़िन्दगी के पोलुशन में हवा है,
तू नहीं तो सिर्फ स्मोक।
तू है तो ह्यूमिडफायर की ज़रूरत नहीं,
अँधेरे में कैंडल ही सही, तेरा साया है।
तू है तो ओन था रॉक्स मीठा,
तू नहीं तो जलता सीधा।
तू है तो ज़िन्दगी है फन,
वरना बस एक पन।