STORYMIRROR

Mrunali Thakore

Romance

1  

Mrunali Thakore

Romance

सपना

सपना

1 min
137

इन गुज़रे पलो को कस के बांध लेती हूँ  

जब जिक्र होता है तेरा 

तो खोल के एक लम्हा चुरा लेती हूँ  

लम्हे से एक धुन याद आती है 

जो हम सुना करते थे 

फिर क्या 

इसी पल को भी सपना बना के बाँध लेती हूँ  


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance