ज़िंदगी
ज़िंदगी
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इतनी भी
नाराज़गी ठीक नहीं,
कि फासले
उम्र भर को हो जाये।
पल भर का
जीना है यारों,
बेगाने लोगों को छोड़
यहाँ अपनों से फुरसत नहीं।।