युवा
युवा
शक्ति का आकाश हो तुम,
आस हो विश्वास हो तुम।
तुम अंधेरों में हो दीपक,
कष्ट में उल्लास हो तुम।
हर दिवाली ईद है तुमसे
देश की उम्मीद है तुमसे।।
ऊर्जा के पुंज हो,
इसको सृजन के नाम कर दो।
खंडहर अज्ञानता का,
विज्ञता का धाम कर दो।
आपसी कटुता मिटेगी,
तब सुखी इंसान होगा।
विश्व में माँ भारती का,
हर तरफ गुणगान होगा।
बस यही ताकीद है तुमसे।
देश को उम्मीद है तुमसे।।
धर्म को मुद्दा बना,
इंसां यहां पर लड़ रहा है।
देश बर्बादी की सीढ़ी,
बेबजह ही चढ़ रहा है।
जातियों में बंट गए सब,
दूसरों से जल रहे हैं।
भ्रूण बरबादी के कितने,
मजहबों में पल रहे हैं।
नव सोंच की तज़दीद है तुमसे।
देश को उम्मीद है तुमसे।।
हर दिवाली ईद है तुमसे
देश की उम्मीद है तुमसे।।
