यूँ तो हम रंगे हुये हैं
यूँ तो हम रंगे हुये हैं
यूँ तो हम रंगे हुये हैं
अपने ही खास रंग में
फिर भी अब की होली
दिलचस्प है
बंद कमरा,
अंदर हम
अधरों पर गुलाबी हंसी
दिमाग में रंगों के कहकहे
मन पर नीला आसमानी रंग
विचार डूबे हुये गाढ़े नीले रंग में
खिड़की से आती हुयी उल्लसित हवा
खोनापन कोई रंग हो तो
उसमें नहाये हुये हम
हृदय में आनन्द की रिमझिम फुहारे
और ख्याल में तुम
दरवाजे पर आवाज की दस्तक
"आप को और आप के परिवार को
होली की मंगल कामनायें,"
बाहर बालकनी में
टँगे हुये आईने में
खुद को निहारते हुये हम
ढूंढते हुये अपना ही चेहरा
सुनते हुये कबीर
और फिर फूटते हैँ
रंग बिरंगे पानी से
भरे हुये गुब्बारे
भींग गया हूँ मैं
मेरा आईना
डूब गयी है मेरी होली
तुममें
और सचमुच कितना
अच्छा लग रहा है
रंग विरंगे रंगों में डूबे हुये
तुम भी मुस्करा रहे हो
हमारी तरह
जैसे कि मेरा कमरा
मेरे साथ
लगा रहा है गुलाल
तुम्हारे ललाट पर
और आतुर हूँ मैं तुम्हें
अपने आलिंगन में लेने के लिये
और पहली बार तुम
शरमाते हुये
अपनी हथेलियों से
अपना चेहरा छिपाते हुये
चले आये हो मेरे पास
अबकी होली में।