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Ajay Singla

Abstract

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Ajay Singla

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झूठा ये संसार है

झूठा ये संसार है

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लड़का हो गया ख़ुशी मनाए

लड़की तो एक भार है

सास बहु भी ऐसा सोचें

औरत खुद जिम्मेदार है

झूठा ये संसार है।


सच बोलो तो बुद्धू कहते

ये कैसा संस्कार है

झूठ बोल कर जीत गए तो

जीत नहीं वो हार है

झूठा ये संसार है।


अच्छे घर की बहू चाहिए

शादी एक व्यापार है

अपना स्कूटर टूटा फूटा

दहेज़ में चाहिए कार है

झूठा ये संसार है।


निर्धन कैसे काम कराये

वो तो बहुत लाचार है

रिश्वत का तो देख के पैसा

सबकी टपके लार है

झूठा ये संसार है।


प्रोपोज़ मैने उसको किया पर

उसको न सवीकार है

पता चला मेरा बाप मिनिस्टर

बोली मुझको प्यार है

झूठा ये संसार है।


झूठ में कोई साथ न दे तो

कहते वो मक्कार है

बेच रहा जो देश को पल पल

वो नही गद्दार है

झूठा ये संसार है।


बुरे की महिमा और अच्छे का

करता तिरस्कार है

झूठ ही सब जगह है दिखता

सच का होता नहीं दीदार है

झूठा ये संसार है।


नाजायज मांगें बच्चे करते

मानने को तैयार है

पर न सोचे प्यार नही ये

दो धारी तलवार है

झूठा ये संसार है।


धोखा दे कर वोट ले गया

वो सबका सरदार है

सच का कभी था बोल बाला

अब झूठ का अम्बार है

झूठा ये संसार है।


मैं डी सी,मैं एस एस पी हूँ

तू छोटा हवलदार है

न जाने ये कब समझेगा

अपना अपना किरदार है

झूठा ये संसार है।


झूठ को सच करने के लिए

दोहराता बार बार है

बच्चों से भी झूठ ये बोले

सोच ही ये बीमार है

झूठा ये संसार है।


मैं हूँ सेठ, मैं हूँ राजा

इसको ये अहंकार है

पता नहीं उसे ऊपर बैठा

पकडे सबकी पतवार है

झूठा ये संसार है।


तू ही पालनहारा सबका

तेरी महिमा अपरंपार है

सब का एक सहारा तू ही

तू ही एक करतार है

पर झूठा ये संसार है।


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