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Atiendriya Verma

Romance

4  

Atiendriya Verma

Romance

यही वो रात है

यही वो रात है

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उन्होंने हम से मुस्कुराते हुए पूछा कि 

क्या हुआ है 

हमनें भी हंसकर कहा 

कुछ नहीं हुआ है 

उन्होंने पूछा कि खुला 

आसमान ये चांद ये सितारे 

क्यों पसंद है तुमको 

हमने फिर मुस्कुराते हुए कहा 

ये चांदनी की रोशनी 

तेरे नूर को बढ़ाती है 

ये सितारे तेरे झुमकों की 

रोशनी को बढाते है 

ये आसमान तेरी घनी

ज़ुल्फों को और घना 

कर देता है 

ये जो प्यार तुम मुझसे करती हो 

ये मुझे बेकरार करता है 

ये जो मुस्कान तुम्हारे चहरे पे आति है 

जब तुम मुझे देखती हो 

ये पलके जब झुक के फिर उठकर 

जब देखती है 

मानो चांदनी और बादल लुका छुपी का खेल खेल रहे हो 

ये रात जो तेरे साथ गुजर रही है 

इस रात की सुबह न हो 

इस रात तेरी बाहों में फना हो जाऊँ

तेरी इन आंखों में ढल जाऊँ 

ये रात कभी खतम न हो

यूं ही तेरे चहरे के सामने आती लट को पीछे करता रहूँ 

तुझे बस यूँ ही देखता रहूँ 

तू मुझसे दूर न हो 

यही मेरी आखरी ख्वाहिश 

यही वो रात है जिसके ख्वाब हम देखा करते थे 

यही वो रात है.


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