यही सोचते हो क्या
यही सोचते हो क्या
वो एक बेटी है इसलिए उसे
हर बात पर टोकते हो क्या?
वह पराई है उसे पराए घर जाना है
तुम्हारा घर अब उसका नहीं है
यहां सिर्फ कुछ दिन का ठिकाना है
तो अब तुम भी यही सोचते हो क्या?
वो तिनका तिनका जोड़ रही है
खुद अपना एक घर बनाने के लिए
घर मायका हो या ससुराल बस
खुद अपनी पहचान बनाने के लिए
उसे अपनी पहचान बनाने की चाह है
तुम उस चाह को देखते हो क्या?
आज नहीं तो कल हो सकता है कि
उसे तुम्हारी ही जरूरत पड़ेगी
अरे कुछ दिन अकेले ही छोड़ दो
आखिर अकेले रह कर क्या कर लेगी
तुम भी उसे ऐसी नजर से देखते हो क्या?