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Jahanvi Tiwari

Abstract Inspirational

4.4  

Jahanvi Tiwari

Abstract Inspirational

यह कैसी उम्मीद

यह कैसी उम्मीद

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हम उम्मीद तो करते हैं, हर किसी से शिष्टाचार की 

खुद के द्वारा किये गये हर दुर्व्यवहार को क्यों नजरअंदाज करते हैं ? 


जो ज्ञान बांटते रहें सारी दुनिया को सुविचारों की

खुद के सद्गुणों पर फिर क्यों वही अहंकार करते हैं ? 


अपने अहम और छल कपट को देखकर दुनियादारी का नाम,

 बहुत बुरा है यह संसार कहते हैं,


जिनको कहते सुना रिश्तों का कोई मोल नहीं,

सिक्कों की खनक पर फिर क्यों वे अपने रिश्तेदार चुनते हैं, 


अजीब दास्तां है यारों इस संसार की, 

 खुद को बदलते नहीं हम दूसरों से बदल जाने की उम्मीद बार-बार करते हैं।


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