यह आइना मुझसे झूठ क्यों बोलता
यह आइना मुझसे झूठ क्यों बोलता
उदासी दिखा कर मेरी आंखों की यह,
महबूब की परछाई क्यों भूल जाता है ?
मेरी आंखों का इंतजार तो देखता है यह,
गहराई मेरे इंतजार की क्यों भूल जाता है ?
सूनापन दिखा कर मेरी आंखों का,
प्यार की दास्तां यह क्यों भूल जाता है ?
मेरी कशिश तो याद है इसे अब तक भी,
पर तड़प तेरे दिल की क्यों भूल जाता है ?
जानें कितनी बार बातें की है मैंने इससे,
तेरे इश्क की दास्तान क्यों भूल जाता है ?
कितनी बार देखे इसने ख्वाब मेरी आंखों के,
मेरे आशिक की बातें यह क्यों भूल जाता है ?
रोज़ तो पढ़ता है न मेरी मुस्कराहट को तू,
पर इन लबों की प्यास तू क्यों भूल जाता है ?