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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

ये क्या हो रहा है

ये क्या हो रहा है

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कोरोनाकाल में ये धरती रो रही है

ये आसमान भी ज़ोर से रो रहा है

आख़िर इस जगत ये क्या हो रहा है

आज कोहराम हर तरफ़ हो रहा है

केवल एक देश की गलती का,

ये सकल संसार शिकार हो रहा है

हम किसी चीज को छू नही सकते,

अब हवाओ में भी कोरोना हो रहा है

फिर भी हमे सँघर्ष करना ही होगा,

ये जहर जिंदगी का पीना ही होगा,

सबकी समझदारी,प्रकृति प्रेम से

ये कोरोना वाइरस मुर्दा हो रहा है

ये कोविड19 सदा के लिये चला जाये,

फिऱ ऐसी महामारी धरती पे न आये,

इसके लिये इंसानो अब जाग जाओ,

अब एक पल की भी देर मत लगाओ,

मन और तन दोनों से तुम साफ रहो,

प्रकृति के सदा ही तुम लोग पास रहो,

प्रकृति के साथ हमारी एकता से,

ये कोविड19 अब चलता हो रहा है

अब इस जगत में सवेरा हो रहा है

प्रकृति से ये जगत जन्नत हो रहा है।


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