सुबह शाम होती थी बस सबसे बातें माँ रोती थी पिता दुखी थे भाई रिश्तों को ढोते थे सुबह शाम होती थी बस सबसे बातें माँ रोती थी पिता दुखी थे भाई रिश्तों...
कोरोनाकाल में ये धरती रो रही है ये आसमान भी ज़ोर से रो रहा है। कोरोनाकाल में ये धरती रो रही है ये आसमान भी ज़ोर से रो रहा है।
मोह, माया, पैसा और झूठी शान, नहीं बचा सकती किसी भी इन्सान की जान। मोह, माया, पैसा और झूठी शान, नहीं बचा सकती किसी भी इन्सान की जान।
आओ हम सब मिलके एक कदम उठाए और कोरोना को दूर भगाए। आओ हम सब मिलके एक कदम उठाए और कोरोना को दूर भगाए।
मत भूलिए हुज़ूर, लगाम आपके हाथ में है। मत भूलिए हुज़ूर, लगाम आपके हाथ में है।