ये जो हमारा इकतरफ़ा इश्क़ है ना.
ये जो हमारा इकतरफ़ा इश्क़ है ना.
ये जो उनके लिए हमारा एकतरफा इश्क है ना,
ये एक दिन हमारी तो जान लेकर ही छोड़ेगा !
इब वो हमारा मगरूर, बेलौस महबूब ना जाने,
और कितने मासूम आशिकों का दिल तोड़ेगा !
अब तलक ऐसे बचकर निकलता आया है वो,
उसे अपने जुर्म की थोड़ी तो सजा हो जाने दो !
फ़क़त हमारा इश्क़ भला क्यों होकर बेघर रहे,
एक बार हमारे दिल का उन्हें पता हो जाने दो !
माना कि, इश्क़ हमें हुआ है उनको नहीं हुआ,
दिल तो दिल है,किसीसे लग गया तो क्या हुआ !
दास्तां इश्क़ की अक्सर अधूरी रह जाया करती है,
हम इश्क़ भी करें और जताएं ना,ऐसा भी कहीं हुआ !