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Neha Singh

Romance

4  

Neha Singh

Romance

मैं" से "तुम"

मैं" से "तुम"

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 मैं कोरा सा काग़ज़ कोई 

तुम इश्क़ की स्याही से रंगरेज़ कोई 

तुम रंगीन ख़्वाबों की दुनिया 

मैं हिंदी के अंलकारो का संग्रह

तुम उच्चे पहाड़ों से सराबोर 

मैं फूलों सी सहजबर

मैं खाली शब्दों सी शाम 

तुम उल्लास से भरी सुबह 

मैं गुनगुनाती सी रात

तुम होली का सुंदर स्पर्श दिन 

मैं अधूरी सी पंक्ति कोई 

तुम अंनत काव्यों से रस कोई 

मैं कविता आधी अधूरी 

तुम सम्पूर्ण सार भावी मेरे 

मैं हिंदी सी सरल कोई 

तुम पहाड़ों की माला कोई 

मैं पायल की खनक जैसी

तुम लाल सिंदूर जैसे

मैं कोरा सा काग़ज़ कोई 

तुम इश्क़ की स्याही से रंगरेज़ कोई.



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