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Neha Singh

Inspirational

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Neha Singh

Inspirational

मैं एक नारी हूं

मैं एक नारी हूं

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मैं एक नारी हूं

मैं कौन हूं

मैं क्या हूं

मैं उस आधुनिक युग की नारी हूं

उस द्रोपदी की साड़ी हूं

जिसने खुद को सूली पर चढ़ा दिया

जिसने अपनों के लिए खुद को मार दिया

मैं कौन हूं मैं क्या हूं

मैं वह हूं जो दिखती नहीं हुं

मैं उन चूड़ियों की खनकार हूं

उस सिंदूर की पहचान हूं

जिसने सीता की लाज रखी

उस नारी की नींव रखी

मैं कौन हूं मैं क्या हूं

मैं वो हुं

जिसने मर्द को जन्म दिया

उसी ने हीं बाजार बनाया

जब चाहा रोद़ दिया

जब चाहा फेंक दिया

मैं कौन हूं मैं क्या हूं

मैं उन सुनसान सी गलियों की

वो जलती बुझती रोशनी हूं

जिसने जब चाहा उखाड़ कर फेंक दिया

जब चाहा आंगन में सजा दिया

मैं कौन हूं मैं क्या हूं

मैं वह हूं जो है नहीं

मैं वो हूं

एक मां की दुलारी हूं

एक पिता की पहचान हुं

एक भाई की शान हुं

मेरे दोस्तों की जान हूं

मैं नारी हूं

इस जग की धरी हूं

मैं कौन हूं मैं क्या हूं

मैं एक नारी हूं ।।



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