जितना माँ को सहते देखा, बेटी को नहीं सहने देना l जितना माँ को सहते देखा, बेटी को नहीं सहने देना l
न जाने क्या सोचे आज ये द्रवित मन। न जाने क्या सोचे आज ये द्रवित मन।
जुर्म न अपराध जिसका उसे मौत का उपहार कैसा। जुर्म न अपराध जिसका उसे मौत का उपहार कैसा।
अपने कल की चिंता में तू आज को न सूली चढ़ा। अपने कल की चिंता में तू आज को न सूली चढ़ा।
मातृभूमि का उज्ज्वल भविष्य हो, यह पाठ हर भारतीय को सिखायेंगे। मातृभूमि का उज्ज्वल भविष्य हो, यह पाठ हर भारतीय को सिखायेंगे।
अच्छा व्यवहार नहीं कर सकते किसी के साथ तो कम से कम बुरा तो न करो। अच्छा व्यवहार नहीं कर सकते किसी के साथ तो कम से कम बुरा तो न करो...