कपड़ों के बहाने जिस्म तुम तौलते हो और बिना ज़बान पे लगाम के बोलते हो कपड़ों के बहाने जिस्म तुम तौलते हो और बिना ज़बान पे लगाम के बोलते हो
सात स्कीमों से बना सेलों का ये बंधन पत्नी ने खोला है झट से पति का ए टी एम। सात स्कीमों से बना सेलों का ये बंधन पत्नी ने खोला है झट से पति का ए टी एम।
साड़ी बदल जाती है पीढ़ी बदल जाती है माँ नहीं बदलती ये सुगंध नही बदलती। साड़ी बदल जाती है पीढ़ी बदल जाती है माँ नहीं बदलती ये सुगंध नही बदलती।
पर वो संघर्ष के दिनों में जो मिली हमको साड़ी कुछ यादगार लमहे की याद दिलाती है। पर वो संघर्ष के दिनों में जो मिली हमको साड़ी कुछ यादगार लमहे की याद दिलाती है।
पकड़ मैडम की साड़ी का पल्लू कुछ रो रहे थे जार - जार। समझ नहीं आया कुछ हमें शाला आना लगा बेकार। पकड़ मैडम की साड़ी का पल्लू कुछ रो रहे थे जार - जार। समझ नहीं आया कुछ हमें शा...
हम तो मर जाते तुम्हारे दो नफरत के बोल से, यूं खंजर पर खंजर चलाने की जरुरत क्या थी। हम तो मर जाते तुम्हारे दो नफरत के बोल से, यूं खंजर पर खंजर चलाने की जरुरत क्य...