ये झर झर बहता पानी
ये झर झर बहता पानी
झर झर बहता ये पानी,
जैसे सुना रहा हो कोई गुम हो चुकी कहानी,।।
ये मौसम मन को व्याकुल करता है,
मेरे अंदर एक युद्ध को जन्म देता है,
आज मन बांटना चाहता है अंदर के हर दर्द को,
कोई बताए आखिर कैसे रोके इन आसुओं को,।।
झर झर बहता ये पानी,
जैसे सुना रहा हो कोई गुम हो चुकी कहानी,।।
किनारे पर बैठी थी मैं,
बहते उस पानी को निहार रही थी मैं,
किनारे को पाने की आस में पानी की हर बूंद संघर्ष में लगी है,
पिया मिलन की आस में मेरी आंखे भी हर क्षण भीगी है,।।
झर झर बहता ये पानी,
जैसे सुना रहा हो कोई गुम हो चुकी कहानी,।।
कभी ठहरा कभी गति में रहता है,
ये पानी भी तुम्हारी तरह अपनी धुन में रहता है,
बिना कोई खबर दिए,
ना जाने किस ओर गए है पिया मेरे,।।
झर झर बहता ये पानी,
जैसे सुना रहा हो कोई गुम हो चुकी कहानी,।।
पानी के उस शोर ने एक अजीब सा राग था छेड़ा,
उस राग ने मुझसे मेरा सब कुछ था छीना,
एक गीत के बोल की तरह पिया का नाम रट रही हूं,
कोई दे उन्हे खबर मैं किस हाल में जी रही हूं,।।