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sandeeep kajale

Romance

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sandeeep kajale

Romance

ये इश्क़ है

ये इश्क़ है

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सिलसिला ख्वाबों का

हमेशा चलता है

एक दिल दूसरे दिल से

प्यार में मिलता है।


एक अजीब कशिश

है इसमें

पलकों का नींद से रिश्ता

है जिसमें ।


जिंदगी की नई कहानी बयाँ

करता हर पल

अपनों के याद में जलाकर

कैसा है ये छल ।


रगों में दौड़ता रहता है

खून जैसे, क़तरा क़तरा,

हर वक्त डर बेवफाई का

लगता है इससे खतरा।


एक नया दिन, नया सपना

ना सुबह देखे, ना रात

जुस्तजू करता रहता है

फिर भी खत्म नहीं होती बात।


आखों को इंतज़ार देकर कहते अश्क हैं

मोहब्बत की, उलझी दास्ताँ ,

ऐ मेरे यार, ये इश्क़ है।



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