यादों की बारात
यादों की बारात
यादों की बारात लेकर चला हूँ आज
आँखों में मेरी छुपा है गहरा राज
कुछ शब्दों के अहसास पिरोये हैं,
कुछ यादें... धुंधली सी हैं।
कुछ ख्वाब पुराने,
झाँक रहे हैं... आज।
और कोई मुस्कुरा रहा होगा..आज,
उन फूलो की खुशबु,
महकी सी है फिजाओं में।
और उनका चेहरा,
आँखों में उतर आया है।
पुरानी स्मृतियां ताज़ा हो रहीं हैं,
और प्यार का सैलाब
हिलोरे मार रहा है...।
और ये कम्बख्त दिल,
आज भी उनके उतने ही करीब है।
जितना की वो मेरे...