यादों का बक्सा
यादों का बक्सा
एक पुराने ब्लज़ेर की जेब से
दो सूखे बादाम मिले हैं
उधड़ी हुई जेब के कोने
काले धागों से गुंथे मिले हैं
सत्यमेव जयते के अक्षर
मोनोग्राम पर कढ़े मिले हैं
आज फ़िर यादों के बक्से में
जीवन के कुछ अवशेष मिले हैं
एक कॉपी मिली है पुरानी सी
पन्ने जिसके पीले पड़े हैं
पीछे के पन्ने में जिसके
कुछ टेढ़े-मेढ़े आकार बने हैं
हर प्रश्न का उत्तर लिख देते थे जो
वो सूखी स्याही के कलम मिले हैं
आज फ़िर यादों के बक्से में....
कुछ रंग-बिरंगे हाथ से बने
बेशकीमती कार्ड मिले हैं
उन बचकानी लाइनों से गहरे
निस्वार्थ रिश्तों के तार जुड़े हैं
फिर से उन दोस्तों के जैसे
दोस्त ढूंढे नहीं मिले हैं
आज फ़िर यादों के बक्से में....
एक लंचबॉक्स टूटा सा है
पीछे जिसके कुछ नाम लिखे हैं
मिल-बाँट कर खाते थे जो
वो टिफिन के साझेदार मिले हैं
इस टूटे टिफिन के डब्बे संग
कब के बिछड़े कुछ यार मिले हैं
आज फ़िर यादों के बक्से में....
एक बैग फटा हुआ मिला
कुछ पुराने बैट और बॉल मिले हैं
एक चाचा चौधरी की कॉमिक
कुछ तितलियों के कंकाल मिले हैं
खेल कूद वाली चीज़ों के संग
लापरवाह कुछ साल मिले हैं
आज फ़िर यादों के बक्से में....
कुछ स्वेटर छोटे नाप के
माँ के हाथों के बुने मिले हैं
स्कूल की टाई, बेल्ट और बैज
शर्ट के टूटे बटन मिले हैं
एक ब्लैक एंड वाइट तस्वीर में
कुछ रंग थे जो शेष, मिले हैं
आज फ़िर यादों के बक्से में
जीवन के कुछ अवशेष मिले हैं