STORYMIRROR

अलेप्पो

अलेप्पो

1 min
27.8K


सुना रही हैं खामोश सिसकियाँ
दिल दहलाती चीखों का फ़साना
इस शहर में ईंट गारे के साथ
इंसानियत ढह रही है रोज़ाना
 
मलबे के नीचे दबी हुई लाशें
ऐ दोस्त ज़रा सम्भल कर उठाना
शायद मिल जाए किसी को यहाँ
कुछ आखिरी साँसों का खज़ाना
 
धूल की चादर पर घायल बच्चे को
फूँक मार हौले से लिटाना
क्या हुआ कि झेला है अपने बदन पर
उसने एक ईमारत का ढह जाना
 
एक महीने के बच्चे का यहाँ
ज़हरीले धुएँ में घुट के मर जाना
बन गया उसके मातम की वजह बस
ग़लत जगह, समय पर जन्मा जाना
 
उन ढेरों पथरीली निगाहों में 
हर पल उम्मीद का मरते जाना
कि कहीं से बस दिख भर जाए
चेहरा कोई जाना पहचाना
 
खून से लथपथ ज़िंदा लाशें
जिनका अब कोई घर न ठिकाना
सोचें ज़िंदा क्यूँ रखा उसने
अब और बचा है क्या दिखलाना
 
गिन रहा है आखिरी साँसें वो
एक समय शहर था जाना-माना
पुकार रहा है हाथ फैलाए
जिसे कर दिया है दुनिया ने बेगाना
 
गहरे ख़तरे का बिगुल है ये
एक आबादी का मिट जाना
कुछ किया नहीं गर आज हमने तो
पड़े न कल हमको पछताना
 
सुना रही हैं खामोश सिसकियाँ
दिल दहलाती चीखों का फ़साना
इस शहर में ईंट गारे के साथ
इंसानियत ढह रही है रोज़ाना


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational