यादें.....
यादें.....
याद आती है, वो शाम वाली मुलाकात
वो मिलना वो गले से लगाना,
वो मस्ती वो प्यार वाले पल, तड़पाते है वो बीते हुए कल।
याद है ना तुमको वो सीढ़ी वाली बातें
वो हँसते हँसते रो पड़ना,
वो साथ बैठ के किताबें पढ़ना,
वो सपनों का आशियाना बुनना।
वो जो तुम कसके लिपट जाते थे
वो चिढ़ाना वो हँसाना ,
वो बिन बोले मेरी बातें समझ जाना।
तुम्हारी मुस्कुराहटों में दुनिया थी मेरी,
अब खुद को भूल जाता हूं,
रात भर साथ होते थे हम,
अब अंधेरों में सहम जाता हूं।।

