संविधान
संविधान
न्याय का दीपक जलाता
नियमों का ये विधान है,
ये संविधान है ll
किताब नही कर्तव्य है ये
शास्त्रों सा परिपक्व है ये
अंबेडकर, सिन्हा के हाथों इसका न्यास हुआ
नवंबर 1949 को इसका ढांचा पास हुआ
अनेकता में एकता ये गर्व से दर्शता है,
जन जन को अधिकार दिलाता
भारत को लोकतांत्रिक बनाता है l
हटा अंधेरा काला संसार सारा जगमगाया,
26 जनवरी सन 1950 को भारत ने इसे अपनाया,
नई उमंगों नई ऊर्जा संग हर समस्या का समाधान हुआ,
अनेकों संशोधन से इसका विकास हुआ l
हर भारतीय का गर्व है ये
हर धर्म का पर्व है ये
आओ मिलकर इसे मनाए
सबको उनका अधिकार दिलाएं
ना जात पात ना रंग भेद हो
ना बाल मजदूरी सी अंधियारी,
भारत के विकास में सहयोग की है ये जन जन की बारी
बलिदानों और संग्रामो का ये उपहार है
गुलामी की जंजीरों से दूर ये जन जन का अधिकार है
न्याय का दीपक जलाता
नियमों का ये विधान है,
ये संविधान है ll